Ayodhya Ram Mandir: क्या था प्रभु राम की बहन का नाम? कहां होती हैं इनकी पूजा, यहां जानिए सब कुछ
रामायण का जिक्र होने पर हमेशा श्रीराम सहित उनके भाईयों और अन्य लोगों की चर्चा होती है लेकिन बहन का कम जिक्र क्यों होता है। इसके पीछे की वजह यह बताई जाती है कि महाराजा दशरथ ने अपनी बेटी शांता को अंगदेश राजा रोमपद और उनकी रानी रानी वर्षिणी को गोद दे दिया था। दरअसल राजा रोमपद और उनकी पत्नी के कोई संतान नहीं थी।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। Ayodhya Ram Mandir: इस वक्त पूरा देश ही लगभग राममय हो गया तो यह कहना गलत नहीं होगा। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होना है लेकिन इसको लेकर पूरे देश में ही उत्साह का माहौल है। वहीं, पूरी अयोध्या का कायाकल्प किया गया है। वहीं, अब कार्यक्रम में कम ही दिन बचे हैं तो तैयारियों को तेजी से अंतिम रुप दिया जा रहा है। इसी क्रम में पीएम मोदी की ओर से 11 दिन का अनुष्ठान भी शुरू किया गया है। इसी अवसर पर आज हम आपको रामायण से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में शायद ही आपको मालूम होगा तो आइए जानते हैं।
प्रभु राम की बहन का नाम शांता था
प्रभु राम के केवल तीन भाई नहीं थे, बल्कि उनकी एक बहन भी थीं। जी हां, आप भले ही यह बात सुनकर चौंक गए हों लेकिन सच यही है कि श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के अलावा, महाराजा दशरथ के और संतान थी। इस संतान का नाम शांता था। देवी शांता अपने सभी भाईयों से बड़ी थीं। ऐसा कहा जाता है कि वाल्मीकि की रामायण के बाल कांड में किया गया है। वहीं, यह भी कहा जाता है कि विष्णु पुराण में इन्हें राजा दशरथ और महारानी कौशल्या की पुत्री बताया गया है।
क्यों होता है इनका कम जिक्र
रामायण का जिक्र होने पर भी हमेशा श्रीराम सहित उनके भाईयों और अन्य लोगों की चर्चा होती है लेकिन बहन का कम जिक्र क्यों होता है। इसके पीछे की वजह यह बताई जाती है कि महाराजा दशरथ ने अपनी बेटी शांता को अंगदेश राजा रोमपद और उनकी रानी रानी वर्षिणी को गोद दे दिया था। दरअसल, एक बार जब राजा रोमपद और उनकी पत्नी अयोध्या आए थे तो बेटी शांता को देखकर रानी वर्षिणी भावुक हो गई थीं, क्योंकि उनके कोई संतान नहीं थी। महाराजा दशरथ उनके दुख को समझते हुए यह अपनी बेटी को उन्हें गोद दे दिया था।
कहां होती हैं देवी शांता की पूजा ऐसा कहा जाता है कि हिमाचल प्रदेश में एक मंदिर है, जहां देवी शांता की पूजा की जाती है।यह भी पढ़ें: Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को मनेगी दीपावली, 14 लाख रंग-बिरंगे दीपक से बनाई जाएगी श्रीराम की आकृति