Literacy in India: 2030 तक शत-प्रतिशत साक्षरता हासिल करने का लक्ष्य, राज्यों को 'उल्लास' से जुड़ने के दिए गए निर्देश
Literacy in India केंद्र सरकार ने 2030 तक शत-प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करने का लक्ष्य रखा है जिसके लिए सरकार ने खास उल्लास अभियान शुरू किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर इस अभियान से जुड़ने का निर्देश दिया है। आकलन के मुताबिक मौजूदा समय में देश में साक्षरता दर करीब 80 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। साक्षरता पर राज्यों में आने वाले दिनों में एक नया उल्लास और जोश देखने को मिल सकता है। केंद्र सरकार ने फिलहाल इसे लेकर पहल तेज की है। सभी राज्यों को पत्र लिखकर साक्षरता से जुड़ी मुहिम को तेज करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही साक्षरता के नए चरण उल्लास ( अंडरस्टैंडिंग लाइफलॉग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसाइटी ) से जुड़ने की सलाह भी दी है, जिसका उद्देश्य 2030 तक शत-प्रतिशत साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करना है। एक आकलन के मुताबिक मौजूदा समय में देश में साक्षरता दर करीब 80 प्रतिशत तक पहुंच गई है, हालांकि 2011 की जनगणना में यह दर करीब 73 प्रतिशत ही था।
उल्लास अभियान को लेकर लद्दाख में मिली सफलता
शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा सचिव ने राज्यों को यह पत्र ऐसे समय लिखा है, जब साक्षरता को लेकर शुरू किए गए उल्लास अभियान को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में बड़ी सफलता मिली है, जिसने 97 प्रतिशत से अधिक की साक्षरता दर हासिल कर ली है। इसके साथ ही पूर्ण साक्षरता हासिल करने वाला वह देश का पहला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। ऐसे में शिक्षा मंत्रालय ने बाकी राज्यों से भी पूर्ण साक्षरता दर हासिल करने के लिए इसी तर्ज पर अभियान चलाने के निर्देश दिए है।वैसे भी उल्लास अभियान के तहत छेड़ी गई साक्षरता की नई मुहिम के दायरे को काफी विस्तार दिया है, जिसमें यह अभियान अब सिर्फ शब्द और अंक ज्ञान तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इनमें लोगों की जरूरत के लिए सभी रंग भरे जाएंगे। यानी उन्हें इसके साथ बैंकों से जुड़े लेन-देन, साइबर सुरक्षा, मतदान, सेहत और रेल यात्रा, कानून आदि से जुड़ी सीख भी दी जाएगी।
12 भाषाओं में तैयार की गई पाठ्यपुस्तकें
साक्षरता अभियान के नए चरण में मंत्रालय ने गैर-साक्षर लोगों को पढ़ाने के लिए 12 भाषाओं में 'उल्लास' नाम से तीन नई पाठ्यपुस्तकें भी तैयार की है, जो उन्हें अभियान के अलग-अलग स्तरों पर पढ़ाई जाएगी। मंत्रालय ने यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के तहत की है, जिसमें मातृभाषा या फिर स्थानीय भाषा में ही शुरुआती शिक्षा देने पर जोर दिया गया है। यह पाठ्यपुस्तकें की ज्यादातर विषयवस्तु खेल आधारित यानी खेल-खिलौनों के जरिए पढ़ाने वाली है।95 प्रतिशत से अधिक साक्षरता दर पर घोषित होंगे पूर्ण साक्षर
साक्षरता की इस मुहिम में उन सभी राज्यों को पूर्ण साक्षर घोषित कर दिया जाएगा, जो 95 प्रतिशत से अधिक की साक्षरता दर हासिल कर लेंगे। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो केरल, दिल्ली, उत्तराखंड, असम, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य इसकी करीब है। यदि इन सभी राज्यों ने साक्षरता के इस नए अभियान में रूचि दिखाई तो वह जल्द ही पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। फिलहाल केंद्र ने उल्लास अभियान के तहत वित्तीय वर्ष 2026-27 तक करीब 1037 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें सात सौ करोड़ केंद्र देगा, जबकि बाकी राशि राज्य अपने पास से खर्च करेंगे।