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Exam GK: खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2023 पर UPSC तथा अन्य परीक्षाओं के लिए जीके फैक्ट्स

Current GK खान मंत्रालय ने खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2023 की अधिसूचना 9 अगस्त को जारी की। वर्ष 1957 में लागू हुए इस अधिनियम में 2015 2016 2020 और 2021 में भी संशोधन किए गए थे। नए संशोधन में अधिसूचना में दिए गए 12 परमाणु खनिजों की सूची में से 6 को हटा दिया गया है।

By Rishi SonwalEdited By: Rishi SonwalUpdated: Wed, 16 Aug 2023 11:16 AM (IST)
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Current GK: खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2023 पर UPSC, SSC, PSC और अन्य परीक्षाओं हेतु जीके।

UPSC/SSC Exams Current GK: केंद्र सरकार के खान मंत्रालय ने संबंधित विधेयक को संसद द्वारा हाल ही में पारित किए जाने के बाद खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2023 की अधिसूचना जारी कर दी है। मंत्रालय द्वारा इस अधिनियम के लिए अधिसूचना 9 अगस्त को जारी की गई, जबकि लोक सभा में इसके विधेयक को 28 जुलाई और राज्य सभा में 2 अगस्त को पारित किए जाने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के पास सहमित के लिए भेजा गया था। वर्ष 1957 में लागू हुए इस अधिनियम में 2015 में व्यापक रूप से संशोधन किया गया था। इसके बाद इसमें 2016, 2020 और 2021 में भी संशोधन किए गए थे।

Exam GK: खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2023

पूर्व में खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में किए गए संशोधनों के बावजूद इसमें महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन को बढ़ावा देने के लिए कुछ और सुधारों की आवश्यकता थी, जो कि देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनो के लिहाज से जरूरी थे। खान मंत्रालय द्वारा साझा की गई आधिकारिक जानकारी के मुताबिक भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था उन प्रौद्योगिकियों पर आधारित होगी जो लिथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम और दुर्लभ जमीनी तत्वों जैसे खनिजों पर निर्भर हैं। ऊर्जा परिवर्तन और वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को देखते हुए महत्वपूर्ण खनिजों का महत्व बढ़ गया है। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन अधिनियम 2023 को लागू किया गया, जिसमें निम्नलिखित सुधारों को शामिल किया गया हैं:-

2023 के संशोधन में हुए ये सुधार

1. अधिसूचना में दिए गए 12 परमाणु खनिजों की सूची में से 6 को हटा दिया गया है। हटाए गए खनिज हैं - लिथियम युक्त खनिज, टाइटेनियम युक्त खनिज और अयस्क, बेरिल और अन्य बेरिलियम युक्त खनिज, नाइओबियम और टैंटलम युक्त खनिज और ज़िरकोनियम-युक्त खनिज। बता दें कि इन खनिजों की खोज और खनन सीमित है और इनका गैर-परमाणु उपयोग अधिक है। इन खनिजों का उपयोग अंतरिक्ष उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रौद्योगिकी और संचार, ऊर्जा क्षेत्र, इलेक्ट्रिक बैटरी में किया जाता है

2. महत्वपूर्ण खनिजों के लिए विशेष रूप से खनिज रियायतों की नीलामी करने के लिए केंद्र सरकार को सशक्त बनाना। हालांकि, इन नीलामियों से मिलने वाला राजस्व संबंधित राज्य सरकार को ही प्राप्त होगा। इस सुधार का उद्देश्य ग्रेफाइट, निकल और फॉस्फेट खनिजों के लिए कुल 107 भूखण्डों में से अब तक केवल 19 खण्डों की ही हुई नीलामी को देखते हुए भविष्य में नीलामी की गति को बढ़ाना है। इन खनिजों का उत्खनन अंतरिक्ष, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा संक्रमण, खाद्य सुरक्षा, आदि के लिए जरूरी है।

3. महत्वपूर्ण और गहराई में प्राप्त होने वाले खनिजों के लिए अन्वेषण लाइसेंस की शुरूआत करना। इस संशोधन से 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी गई है। इन खनिजों में तांबा, सोना, चांदी, हीरा, लिथियम, कोबाल्ट, मोलिब्डेनम, सीसा, जस्ता, कैडमियम, दुर्लभ पृथ्वी समूह के तत्व, ग्रेफाइट, वैनेडियम, निकल, टिन, टेल्यूरियम, सेलेनियम, इंडियम, रॉक फॉस्फेट, एपेटाइट, पोटाश , रेनियम, टंगस्टन, प्लैटिनम समूह के तत्व, आदि शामिल हैं।