DU Admission 2021: दिल्ली विश्वविद्यालय इस साल नहीं बढ़ाएगा एडमिशन फीस, आवेदन वापसी पर पूरी फीस होगी वापस
DU Admission 2021 डीयू एडमिशन 2021 के लिए फॉर्म भर रहे छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी राहत की घोषणा दिल्ली विश्वविद्यालय ने की है। डीयू ने घोषणा की है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस वर्ष सभी सम्बद्ध कॉलेजों में दाखिले के लिए निर्धारित फीस में बढ़ोत्तरी नहीं की जाएगी।
By Rishi SonwalEdited By: Updated: Thu, 05 Aug 2021 09:17 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। DU Admission 2021: डीयू एडमिशन 2021 के लिए फॉर्म भर रहे छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी राहत की घोषणा दिल्ली विश्वविद्यालय ने की है। डीयू ने घोषणा की है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस वर्ष सभी सम्बद्ध कॉलेजों में दाखिले के लिए निर्धारित फीस में बढ़ोत्तरी नहीं की जाएगी। महामारी के चलते पूरे देश में शैक्षणिक कार्यों के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं और कई लोग की नौकरियां चली गयी या कारोबार बंद हो गये। ऐसे में विश्वविद्यालय ने स्टूडेंट्स के पैरेंट्स पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ न बढ़ने देने के लिए यह निर्णय लिया है।
आवेदन वापसी पर पूरी फीस होगी वापसदिल्ली विश्वविद्यालय ने डीयू एडमिशन 2021 के लिए निर्धारित फीस में इस साल बढ़ोत्तरी न किये जाने की घोषणा के साथ ही साथ स्टूडेंट्स को एक और बड़ी राहत दी है। डीयू ने कहा है कि विभिन्न सम्बन्ध कॉलेजों में दाखिला लेने के बाद यदि कोई स्टूडेंट किसी कारणवश या किसी अन्य कॉलेज में दाखिले मिलने पर अपना आवेदन वापस लेने के लिए अप्लाई करेगा तो उसके द्वारा जमा किया गया पूरा शुल्क वापस किया जाएगा।
आवेदन 31 अगस्त तकदिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए यूजी कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया 2 अगस्त 2021 से शुरू हुई और इच्छुक छात्र-छात्राएं 31 अगस्त तक आवेदन कर पाएंगे। वहीं, दूसरी तरफ डीयू ने पीजी, एमफिल और पीएचडी कोर्सेस में दाखिले के लिए आवेदन की प्रक्रिया 26 जुलाई को ही शुरू कर दी थी और उम्मीदवार 21 अगस्त 2021 तक आवेदन कर पाएंगे।
बता दें कि इस वर्ष कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते केंद्रीय बोर्डों – सीबीएसई, सीआईएससीई के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के बोर्ड की कक्षा 12 की परीक्षाओं को रद्द किया गया था। इसके बाद कक्षा 12 के नतीजे वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति से घोषित किये गये हैं। इसके चलते इस वर्ष 95 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या काफी अधिक होने के कारण कट-ऑफ अधिक होने की संभावना है।