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Economic Survey 2023: बढ़ा शिक्षा पर खर्च, घटी बेरोजगारी, जानें और क्या कहता है इस साल का आर्थिक सर्वेक्षण

Economic Survey 2023 on Education Employment वर्ष 2023-24 के आम बजट को 1 फरवरी को लोक सभा में प्रस्तुत करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्तमान वित्त वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण को पेश किया। जानें शिक्षा और रोजगार क्षेत्रों की आर्थिक सर्वेक्षण में मुख्य बातें।

By Rishi SonwalEdited By: Rishi SonwalUpdated: Wed, 01 Feb 2023 07:44 AM (IST)
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Economic Survey 2023: वित्त वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में शिक्षा और रोजगार क्षेत्रों के लिए कहीं गई ये बातें।
एजुकेशन डेस्क। Economic Survey 2023 on Education, Employment: वर्तमान केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के 5वें और आखिरी बजट (2023-24) को आज, 1 फरवरी को लोक सभा में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने के एक दिन पहले यानि मंगलवार, 31 जनवरी 2023 को वित्तमंत्री द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष के आर्थिक अनुमानों के लिए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 को प्रस्तुत किया गया। वित्तमंत्री द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार देश के आर्थिक विकास की दर वर्तमान वित्त वर्ष (2022-23) में 8.4 फीसदी रह सकती है और 2021-22 में 7.8 फीसदी रहा। इससे पहले राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने 9.2 फीसदी और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने 9.5 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया था।

Economic Survey 2023: आर्थिक सर्वेक्षण से पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण में शिक्षा और रोजगार

हालांकि, वित्तमंत्री के भाषण से पहले भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोक सभा और राज्य सभा दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सफलता आज हमे दिखती है। चाहे माइनिंग हो या रक्षा सेनाएं, आज हर सेक्टर में महिलाओं की भर्ती हो रही है। सरकार ने ‘मैटर्निटी लीव’ को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया है। आज भारत के युवा विश्व में इन्नोवेशन पॉवर को सही मायनों में प्रदर्शित कर रहे हैं। भारत एक बार फिर नॉलेज का हाईटेक हब बन रहा है।

इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति ने कहा कि देश में पिछले 8 वर्षों के दौरान 300 से अधिक नये विश्वविद्यालय खोले गए हैं। साथ ही, इस दौरान 5 हजार से अधिक महाविद्यालय (कॉलेज) भी खोले गए हैं। वर्ष 2004 से 2014 के बीच 145 मेडिकल कॉलेज खुले थे तो वहीं 2014 से 2022 के बीच 260 मेडिकल कॉलेज खोले गए। इन कॉलेजों के चलते यूजी और पीजी लेवल पर मेडिकल पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या पहले के मुकाबले अब दोगुनी हो चुकी है।

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Economic Survey 2023: शिक्षा और रोजगार पर क्या कहता है इस साल का आर्थिक सर्वेक्षण?

  • बजट 2022-23 के अनुमानों के अनुसार शिक्षा पर केंद्र सरकार का व्यय 757138 करोड़ (जीडीपी का 2.9) रह सकता है। यह व्यय वर्ष 2021-22 के संशोधित अनुमानों 681396 करोड़ से अधिक है, हालांकि यह जीडीपी का 2.9 फीसदी है।
  • शिक्षा पर सरकार का खर्च वर्ष 2015-16 से वर्ष दर वर्ष लगातार बढ़ता ही गया है। जहां 2021-15 ने सरकरा ने शिक्षा पर 391881 करोड़ रुपये व्यय किए तो वहीं 2020-21 में यह बढ़कर 575834 करोड़ हो गया।
  • दूसरी तरफ, केंद्र सरकार की सामाजिक सेवाओं (शिक्षा, स्वास्थ्य, अन्य) पर कुल खर्च में शिक्षा पर व्यय 2022-23 में 9.5 फीसदी रह सकता है जो कि पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों 9.1 फीसदी से अधिक है। हालांकि, यह व्यय 2015-16 के 10.4 फीसदी से कम है।
  • आधिकारिक और गैर-आधिकारिक दोनों स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर वर्तमान वित्त वर्ष में रोजगार का स्तर बढ़ा है।
  • पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार 15 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में बेरोजगारी की दर सितंबर 2022 को समाप्त तिमाही में पिछली अवधि (सितंबर 2021) की तुलना में 9.8 फीसदी से घटकर 7.2 फीसदी रह गई।
  • अधिक जानकारी के लिए आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 PDF डाउनलोड करें।
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