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Education Budget 2024: विश्वविद्यालय हों या स्कूल या एडुटेक कंपनियां, सभी ने किया शिक्षा बजट का स्वागत

Education Budget 2024 केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार 1 फरवरी 2024 को लोक सभा में केंद्र सरकार के वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार का शिक्षा पर खर्च हर साल बढ़ा है। अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री द्वारा शिक्षा कौशल विकास और रोजगार के लिए सरकार के कार्यों का विश्वविद्यालय से लेकर स्कूल और एडुटेक कंपनियों ने स्वागत किया।

By Rishi Sonwal Edited By: Rishi Sonwal Updated: Fri, 02 Feb 2024 11:45 AM (IST)
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Education Budget 2024: जानें विश्वविद्यालय, स्कूल और एडुटेक कंपनियों ने शिक्षा बजट पर क्या-क्या प्रतिक्रियाएं दीं।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। Education Budget 2024: केंद्र सरकार के वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार, 1 फरवरी 2024 को लोक सभा में पेश किया। अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने युवाओं को सरकार के 4 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक बताते हुए शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास को लेकर किए जा रहे कार्यों की जानकारी सदन के निचले पटल पर रखी।

वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार का शिक्षा पर खर्च हर साल बढ़ा है और वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को अब तक का सर्वाधिक 1,12,898.97 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। साथ ही वित्तमंत्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लागू करने के साथ शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधार किए जा रहे हैं।

इसी प्रकार सामर्थ्यवान युवाओं के कौशल विकास के लिए किए गए कार्यों की भी जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा 3000 नए ITI स्थापित किए गए। साथ ही, उच्चतर शिक्षा के लिए बड़ी संख्या में नए संस्थानों के अंतर्गत 7 IIT, 16 IIIT, 7 IIM, 15 AIIMS और 390 विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं।

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जल्द ही होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इस बार अंतरिम बजट पेश किया गया। वित्तमंत्री के बजट 2024 भाषण के बाद चाहे विश्वविद्यालय हों या स्कूल या एडुटेक कंपनियां, शिक्षा और कौशल विकास में लगे विभिन्न स्टेकहोल्डर्स ने इस बजट का स्वागत किया।

IIM बैंगलोर के इंक्यूबेशन सेंटर फॉर स्टार्टअप्स एण्ड आंत्रप्रेन्योर्स के सीईओ आनंद श्री गणेश कहते हैं, "जैसा कि हम बजट के बाद के परिदृश्य में आगे बढ़ रहे हैं, हम उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण में उल्लेखनीय प्रगति को देखकर रोमांचित हैं। हमारा मानना ​​है कि उचित प्रशिक्षण और सहायता प्रदान करके, हम सफलता की कहानियों की एक नई लहर को उत्प्रेरित कर सकते हैं जो न केवल व्यावसायिक परिदृश्य को आकार देगी बल्कि देश भर में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।"

आदित्य ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस (मुंबई) के चेयरमैन डॉ. हरिशचंद्र मिश्रा का कहना है, "अंतरिम बजट विकासशील भारत की दिशा में एक प्रगतिशील बजट है। यह गरीबों, युवाओं, महिलाओं और किसानों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। विकसित भारत के लिए हमारा दृष्टिकोण इस वर्ष के बजट में शिक्षा और कौशल विकास पर केंद्रित है, जिसमें देश का 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य और अमृत काल 2047 का दृष्टिकोण शामिल है।"

गलगोटिया यूनिवर्सिटी के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा, “हम युवा सशक्तिकरण और शिक्षा सुधार के प्रति सरकार के अटूट समर्पण की सराहना करते हैं, जिसका उदाहरण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 है। पिछले दशक में उच्च शिक्षा में 28% तथा STEM पाठ्यक्रमों में 43% की छात्राओं के नामांकन में वृद्धि एक समावेशी और विविध शैक्षिक परिदृश्य बनाने के महत्व को भी उजागर करते हैं।”

एडुटेक कंपनी हीरो वायर्ड के फाउंडर और सीईओ अक्षय मुंजाल ने कहा, “अंतरिम बजट समावेशी और मजबूत शैक्षणिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नए संस्थानों की स्थापना हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है - यानी शिक्षा के पैमाने और गुणवत्ता दोनों को ऊपर उठाना। STEM पाठ्यक्रमों में 43% नामांकन महिलाओं का है, पिछले दशक में उनकी भागीदारी में 28% की वृद्धि पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में अवसरों के विस्तार की दिशा में एक बड़ी छलांग को दर्शाती है। इसके अतिरिक्त, कौशल भारत मिशन के माध्यम से, 114 मिलियन युवाओं का प्रशिक्षण, 5.4 मिलियन युवाओं की अपस्किलिंग/रीस्किलिंग के साथ, मजबूत कदम हैं जो कुशल श्रमिकों के लिए मांग-आपूर्ति के अंतर को पाटने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को संबोधित करके बड़े पैमाने पर उद्योग को लाभान्वित करेंगे।"

करियर लॉन्चर की प्रेसिडेंट सुजाथा काशीरसागर का कहना है, "2024 का बजट युवा भारत की हाई एस्पिरेशंस (उच्च आकांक्षाओं) पर अपने पुनर्जीवित फोकस के कारण काफी अच्छा है, क्योंकि सरकार अपने डायनामिक युवाओं को सशक्त बनाकर देश की समृद्धि को बढ़ाने का प्रयास किया है। वित्त मंत्री ने STEM से संबंधित क्षेत्रों में महिलाओं के नामांकन में 43 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि, उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली महिलाओं में 28 प्रतिशत की वृद्धि के साथ-साथ वर्कफ़ोर्स में महिला भागीदारी में सराहनीय वृद्धि के आंकड़ों को बताया है। नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार यह बजट भी अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के माध्यम से देश को आगे तरक्की की राह पर बढ़ाने पर जोर देता है, विशेष रूप से इनोवेटिव स्टार्टअप के विकास का समर्थन करके देश के विकास में योगदान देने का बजट में उल्लेख किया गया है।"

जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बबीना एन.एम कहती हैं, "2024-2025 के संघ बजट में जो स्वास्थ्य सुधार के योजनाएं हैं, उनका हम स्वागत करते हैं। मेडिकल कॉलेजों को बढ़ाना और चिकित्सा के संपूर्ण दृष्टिकोण के साथ जोड़ना एक अच्छा कदम है। साथ ही, 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिए सर्वाइकल कैंसर टीकाकरण और मातृ और शिशु स्वास्थ्य योजनाओं का मिलान, यह साबित करता है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक सोच-समझ के साथ कदम बढ़ाया जा रहा है।"

इसी प्रकार, पुणे के ‘द एकेडेमी स्कूल’ (TAS) की सीईओ डॉ. मैथिली ताम्बे कहती हैं, “स्किल इंडिया मिशन के साथ, जिसने 1.4 करोड़ युवाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है, सरकार ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में कौशल विकास के महत्व को पहचाना है और परिणामस्वरूप इस मिशन के लिए अपनी वित्तीय प्रतिबद्धता बढ़ा दी है।”

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दूसरी तरफ, एडुटेक कंपनी सुरासा के फाउंडर ऋषभ खन्ना ने कहा कि बजट में युवा सशक्तिकरण और कौशल विकास पर जोर देश के शैक्षिक परिदृश्य को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षकों की कमी को दूर करने और परिवर्तनकारी सुधारों को लागू करने के उद्देश्य से रणनीतिक पहल सराहनीय हैं। तकनीकी आधारित शिक्षा को प्रेरित करने, विशेष रूप से टियर 3+ कस्बों में, और डिजिटल बुनियादी ढांचे, शिक्षक प्रशिक्षण और स्थानीय भाषा शिक्षा पर जोर देने से हमारे छात्रों के सीखने के अनुभव में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।

एडुकेट ऑनलाइन के सीईओ अमित सनेजा कहते हैं, "हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि बजट 2024 का दृष्टिकोण 2047 तक भारत को 'विकसित भारत' बनाने की सरकार की प्रतिज्ञा के अनुरूप है। 'सबका साथ, सबका विकास' के आदर्श वाक्य का प्रतीक समावेशी दृष्टिकोण, समग्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 परिवर्तनकारी बदलाव लेकर आई है। पिछले दशक में उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में 28% की उल्लेखनीय वृद्धि एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। STEM कोर्सेस में 43% से अधिक महिलाओं का महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व प्रेरणा का एक उल्लेखनीय स्रोत है। शिक्षा उद्योग उत्सुकता से इन प्रगतियों का उपयोग करने की उम्मीद कर रहा है क्योंकि बजट एक मजबूत और प्रगतिशील शिक्षा प्रणाली के लिए दरवाजे खोलता है।"

एडुटेक कंपनी अरिवूप्रो एकेडेमी के फाउंडर और सीईओ अर्जुन वरद्राज कहते हैं, "मैं देश के समग्र विकास के लिए बजट के रणनीतिक दिशानिर्देशों और 2047 तक समृद्धि प्राप्त करने के दृष्टिकोण की सराहना करता हूं।

कौशल विकास और नौकरी के लिए तैयार युवाओं को तैयार करने पर जोर, विशेष रूप से वित्तीय शिक्षा क्षेत्र में पर्याप्त अवसर खोलता है। सीए, वेल्थ मैनेजमेंट और फाइनेंशियल प्लानिंग में प्रोफेशनल कोर्सेस में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी जा रही है।"

एक और एडुटेक कंपी वन मिलियन फॉर वन बिलियन के मैनेजिंग डायरेक्टर मानव सुबोध कहते हैं, ""वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी 2024 को प्रस्तुत अंतरिम बजट सरकार के 2047 तक 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण का प्रतीक है। वास्तव में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) ने परिवर्तनकारी सुधारों की शुरुआत करने में अविश्वसनीय भूमिका निभाई है। डिजिटल तकनीक हमारी शिक्षा प्रणाली में असली उम्मीद की किरण है। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, 60% से अधिक शिक्षक पहले से ही एआई उपकरणों का सक्रिय रूप से उपयोग कर रहे हैं। मेरा मानना ​​है कि एआई कौशल एक बड़ा तुल्यकारक हो सकता है और शहरी और ग्रामीण भारत के बीच अंतर को कम कर सकता है समान अवसर प्रदान करके। अंतरिम बजट भी सहमत प्रतीत होता है, क्योंकि इसमें युवाओं के लिए प्रौद्योगिकी में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के साथ 1 लाख करोड़ का कोष निर्धारित किया गया है। यह भारत के युवाओं को उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता बनाएगा।"

इंफिनिटी लर्न बाय श्री चैतन्य के फाउंडिंग सीईओ उज्जवल सिंह का कहना है, "हमारा मानना ​​है कि जीडीपी (शासन, विकास और प्रदर्शन) पर केंद्र सरकार का ध्यान हमारी अर्थव्यवस्था और पूरे देश को लाभ पहुंचाने के लिए तैयार है। अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय गरीबी को दूर करने के लिए नागरिकों को सशक्त बनाने की दिशा में बदलाव एक और सकारात्मक कदम है। इसके अतिरिक्त, एसटीईएम पाठ्यक्रमों में लड़कियों का बढ़ता प्रतिनिधित्व एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। IIT, IIIT, IIM, AIIMS, और 390 विश्वविद्यालयों की स्थापना के साथ हमारा देश कुशल संसाधनों के लिए एक वास्तविक प्रतिभा पूल बनने की राह पर है। उभरते भारत के लिए पीएम स्कूलों का परिवर्तनकारी प्रदर्शन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, ताकि मुख्य विषयों में नींव को मजबूत किया जा सके और इस तरह समग्र, अच्छी तरह से विकसित व्यक्तियों का पोषण किया जा सके। इसके अलावा, स्टार्ट-अप की सहायता करने और युवा उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई पहल निस्संदेह 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में हमारी यात्रा को तेज करेगी।"

ज़ैमिट के फाउंडर आरुल मालवीय भी अंतरिम बजट 2024 का स्वागत करते हुए कहते हैं, “पिछले दशक में उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में अट्ठाईस प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। STEM पाठ्यक्रमों में लड़कियों और महिलाओं का नामांकन 43 प्रतिशत है, जो वैश्विक स्तर पर उच्चतम आंकड़ों में से एक है। देश के शिक्षा परिदृश्य के लिए ये आशाजनक विकास हैं प्रशंसनीय हैं।”

असोका और एमबीडी ग्रुप की एमडी मोनिका मल्होत्रा कंधारी कहती हैं, “वित्त मंत्री ने आशाजनक आंकड़ों पर प्रकाश डाला, जिसमें स्टेम से संबंधित क्षेत्रों में महिलाओं के नामांकन में 43 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि, उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली महिलाओं में 28 प्रतिशत की वृद्धि और कार्यबल में महिला भागीदारी में सराहनीय वृद्धि शामिल है।”