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2025 से साल में दो बार होगी 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा, JEE की तर्ज पर इसे कराने को लेकर बनी सहमति

उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने की मंजूरी के साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2025-26 से दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को भी साल में दो बार कराने को लेकर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने की फिर से जानकारी दी।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Fri, 14 Jun 2024 08:33 PM (IST)
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने की जानकारी दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने की मंजूरी के साथ ही शिक्षा मंत्रालय ने अगले शैक्षणिक सत्र यानी 2025-26 से दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को भी साल में दो बार कराने को लेकर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने की फिर से जानकारी दी और कहा कि अभी तक इसे जेईई की तर्ज पर कराने पर सहमति बनी है। जिसमें पहली परीक्षा फरवरी में और दूसरी परीक्षा अप्रैल में होगी।

परीक्षाओं के लिए दो फॉर्मूला तैयार किया गया

छात्रों को दोनों ही परीक्षाओं में शामिल होने के विकल्प दिए जाएंगे। इनमें से उनका प्रदर्शन जिसमें बेहतर होगा उसे ही अंतिम स्कोर माना जाएगा। प्रधान ने बताया कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार कराने के लिए वैसे तो दो फॉर्मूला तैयार किया गया है। दूसरा फॉर्मूला सेमेस्टर यानी छह- छह महीने में परीक्षा कराने का भी है। हालांकि, अब तक जेईई की तर्ज पर ही इसे कराने को लेकर सहमति बनी है।

इसे बेहतर तरीके से अमल में लाने को लेकर मंत्रालय की सीबीएसई सहित दूसरे शिक्षा बोर्डों के साथ ही चर्चा चल रही है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इस पहल से बोर्ड परीक्षा को लेकर छात्रों का तनाव कम होगा। साथ ही किसी कारण से किसी छात्र का पहली बार में यदि पेपर खराब हो गया, तो उसके पास दूसरी बार परीक्षा देने का विकल्प भी रहेगा।

वहीं, उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने के फैसले के बाद अब बारहवीं के परीक्षा मे देरी के चलते ऐसे बच्चों के दाखिले को लेकर उठ रहे सवाल भी खत्म हो गए, क्योंकि अब कोई बच्चा पहले सत्र में यानी जुलाई-अगस्त में प्रवेश लेने से वंचित रह जाता है, तो अब वह नई व्यवस्था के तहत दूसरे सत्र यानी जनवरी-फरवरी में भी दाखिला ले सकेगा। उसे अब प्रवेश के लिए एक साल का इंतजार नहीं करना होगा।

सीयूईटी के आधार पर ही मिलेगा प्रवेश

उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार प्रवेश देने की मंजूरी के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने यह भी साफ किया है कि सीयूईटी के आधार पर ही दोनों ही सत्रों में छात्रों को प्रवेश मिलेगा। दूसरे सत्र में प्रवेश के लिए उन्हें अलग-अलग से कोई परीक्षा नहीं देनी होगी। मौजूदा समय में उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए छात्रों को सीयूईटी परीक्षा देनी होती है।