नियुक्ति अनियमितता के चलते गोखले संस्थान के कुलपति अजीत रानाडे को किया गया बर्खास्त
गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (जीआईपीई) के कुलपति अजीत रानाडे को फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (FFC) की रिपोर्ट के बाद कुलपति के पद से बर्खास्त कर दिया गया है। कुलपति अजीत रानाडे की योग्यता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) दिशानिर्देशों द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करती है जिसके चलते समिति ने निष्कर्ष निकाला कि उनकी नियुक्ति कानूनी रूप से अस्थिर थी।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (FFC) की की रिपोर्ट के बाद शनिवार को गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (जीआईपीई) के कुलपति एवं प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अजीत रानाडे को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है। कमेटी ने उनकी नियुक्ति में अनियमितताओं को उजागर किया गया था। जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। वे पिछले ढाई वर्ष से कुलपति के पद पर तैनात थे।
यूजीसी के मानक नहीं कर सके पूरा
एफएफसी की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक रानाडे की योग्यता/ नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशा-निर्देशों द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करती है। समिति ने निष्कर्ष निकाला कि उनकी नियुक्ति "कानूनी रूप से अस्थिर" थी, जिसके कारण रानाडे के कार्यकाल को तुरंत समाप्त करने का निर्णय लिया है।
कुलपति ने निराशा की व्यक्त
कुलपति के पद से हटाए गए फैसले के बाद रानाडे बेहद ही निराश दिखे। उन्होंने मीडिया में दिए बयान में कहा कि ''यह वाकई एक दुर्भाग्यपूर्ण और चौंकाने वाला फैसला है।'' "पिछले ढाई वर्षों से, मैं लगन से और अपनी सर्वोत्तम क्षमता से काम कर रहा हूं, संस्थान में सकारात्मक विकास में योगदान दे रहा हूं। ऐसा लगता है कि इन परिणामों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।"
कौन हैं रानाडे
अजीत रानाडे का उद्योग एवं शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर करियर है। उन्होंने ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। कुलपति के पहले आदित्य बिड़ला समूह के साथ समूह के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में कार्यरत थे। इसके अलावा वे भारतीय रिजर्व बैंक, सीआईआई और फिक्की जैसे राष्ट्रीय उद्योग निकाय समितियों में शामिल रहे हैं।