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Hindi Diwas 2022 के मौके पर जानिए किसने लिखी थी हिंदी में पहली कविता

Hindi Diwas 2022 साल 1949 में 14 सितंबर को को विधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था। इसके बाद से ही देश भर में यह दिन स्कूल-कॉलेजों अन्य शैक्षणिक संस्थानों ऑफिस और अन्य जगहों में मनाया जाता है।

By Nandini DubeyEdited By: Updated: Wed, 14 Sep 2022 08:48 AM (IST)
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Hindi Diwas 2022 14 सितंबर, 2022 को बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा।

नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। Hindi diwas 2022: देश भर में कल हिंदी दिवस का आयोजन किया जाएगा। हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार करने के लिए इस दिन को स्कूल, कॉलेज समेत अन्य संस्थानों में इस विशेष दिन को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। Hindi diwas के मौके पर जहां, स्कूल-कॉलेजों में कई प्रोगाम का आयोजन भी किया जाता है। इसमें स्टूडेंट्स इस भाषा में भाषण तैयार करते हैं तो वहीं कुछ छात्र-छात्राएं इस मौके के लिए निंबध, कविताएं, कहानियां सुनाते हैं। वहीं अन्य संस्थानों में भी इस भाषा की उपयोगिता के संबंध में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी खास दिन के उपलक्ष्य में हम आपको कुछ इससे जुड़े अहम और दिलचस्प तथ्य बताने जा रहे हैं। आइए डालते हैं एक नजर।

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हिंदी की पहली कविता प्रख्यात कवि ‘अमीर खुसरो’ ने लिखी थी।

हिंदी भाषा के इतिहास पर पुस्तक लिखने वाला पहला लेखक भारतीय नहीं था, बल्कि एक फ्रांसीसी लेखक, था जिसका नाम Grasim the Taisi था।

साल 1977 में, देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गर्व के साथ हिंदी भाषा के प्रति सम्मान दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र में हिंदी भाषा में भाषण प्रस्तुत किया था।

26 जनवरी 1950 को संसद के अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को प्राथमिक भाषा माना गया था।

रिपोर्ट्स की मानें तो भारत के अलावा कई अन्य देश हैं, जहां हिंदी भाषा बोली जाती हैं। इनमें नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे अन्य देश शामिल हैं।

ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में 'अच्छा' और 'सूर्य नमस्कार' जैसे कई हिंदी शब्दों को शामिल किया गया है। 

हिंदी ने साल, 2000 में पहली हिंदी पत्रिका प्रकाशित करके इंटरनेट पर शुरुआत की थी। इसके बाद से ही हिंदी भाषा ने वर्ल्ड वाइड वेब पर अपना प्रभाव छोड़ना शुरू कर दिया था और अब इतनी लोकप्रिय हो गई है।

अंग्रेजी की रोमन लिपि में जहां कुल 26 वर्ण हैं, वहीं हिंदी की देवनागरी लिपि में उससे डबल यानी कि 52 वर्ण हैं।