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IAS Success Story: यूपीएससी के लिए छोड़ी लाखों की नौकरी, 2 बार प्रीलिम्स में फेल, ऐसी है IAS विशाखा की कहानी

IAS Success Story विशाखा यादव देश की राजधनी दिल्ली से ताल्लुक रखती हैं। वे यहां द्वारका द्वारका की रहने वाली हैं। उनकी स्कूली शिक्षा भी यहीं पूरी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने जेईई मेंस की परीक्षा पास कर दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय(डीटीयू) में बीटेक में एडमिशन मिला।

By Nandini DubeyEdited By: Nandini DubeyUpdated: Sat, 08 Apr 2023 03:06 PM (IST)
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IAS Success Story: दिल्ली की विशाखा यादव ने तीसरे प्रयास में हासिल की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता।

एजुकेशन डेस्क। IAS Success Story: एक अच्छे पैकेज पर जॉब मिलने के बाद छोड़ना बेहद मुश्किल होता है। अमूमन लोग सोचते हैं कि कैसे जॉब में और बेहतर किया जाए। हालांकि, कुछ ऐसे भी होते है, जो ऐसा नहीं सोचते हैं। बेहतर पैकेज के बावजूद न केवल नौकरी छोड़ देते हैं बल्कि वे फिर से पढ़ाई शुरू करते हैं और यूपीएससी सिविल परीक्षा की तैयारी शुरू करते हैं। आज की सक्सेस स्टोरी में एक ऐसी ही लड़की की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिन्होंने इंजीनियरिंग के बाद बेहतर पैकेज को छोड़कर यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया। न केवल परीक्षा में सफलता हासिल की बल्कि बेहतर रैंक हासिल भी की। इस लड़की का नाम है विशाखा यादव। आइए जानते हैं कैसे था उनका यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का सफर।

विशाखा यादव देश की राजधनी दिल्ली से ताल्लुक रखती हैं। वे यहां द्वारका द्वारका की रहने वाली हैं। उनकी स्कूली शिक्षा भी यहीं पूरी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने जेईई मेंस की परीक्षा पास कर दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय(डीटीयू) में बीटेक में एडमिशन मिला। 

छोड़ी लाखों की नौकरी

डीटीयू से बीटेक डिग्री लेने के बाद विशाखा को संस्थान से बेहतर पैकेज पर जॉब भी ऑफर हो गई। उन्होंने इसे स्वीकार भी कर लिया। लेकिन दो साल की नौकरी के दौरान, उन्हें यह समझ आ गया कि उनकी मंजिल ये नौकरी नहीं है। उन्हें कुछ और हासिल करना है। इसके बाद उन्होंने ये जॉब छोड़कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की।

दो बार प्रीलिम्स में हुईं फेल

पूरी तैयारी करने के बाद विशाखा प्रीलिम्स परीक्षा में बैठी लेकिन वे इसमे सफलता हासिल न कर सकीं। ऐसा उनके साथ एक बार नहीं बल्कि दो बार हुआ। वे अपने दोनों अटेम्प्ट में प्रारंभिक परीक्षा में ही फेल हो गईं, जिससे चलते उन्हें काफी निराशा हुई। हालांकि, इस निराशा को उन्होंने खुद पर हावी नहीं होने दिया। वे जुटी रहीं।

तीसरे प्रयास में हासिल की 6वीं  रैंक

विशाखा तैयारी करती रहीं। पिछले दो बार में हुई गलतियों पर काम करती रहीं। इसके बाद उन्होंने अपना तीसरा प्रयास दिया। इस बार उनकी मेहनत में कोई कमी नहीं थी। वे एग्जाम में बैठी और तीनों चरण को पार करके सफल हुईं। न केवल सफल हुई, बल्कि परीक्षा में 6वीं रैंक हासिल की।