IFS Success Story: IIT रुड़की से बीटेक के बाद शुरू की यूपीएससी की तैयारी, ये रैंक लाकर बनीं IFS अफसर
IFS Success Storyबारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी की और आईआईटी रूड़की से ग्रेजुएशन की डिग्री ली। यहां से यूजी डिग्री लेने के बाद ही उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करने की ठान ली थी।
By Nandini DubeyEdited By: Nandini DubeyUpdated: Wed, 29 Mar 2023 04:16 PM (IST)
एजुकेशन डेस्क। IFS Success Story: आईआईटी से बीटेक करने के बाद अमूमन लाइफ सेट मानी जाती है। किसी न किसी अच्छी कंपनी में बढ़िया पैकेज पर जॉब मिल ही जाती है। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो IIT जैसे संस्थानों से ग्रेजुएशन करने के बाद भी इस दिशा में आगे नहीं बढ़ते। वे अलग राह चुनते हैं। ऐसी ही लड़की की कहानी, आज हम आपको IFS Success Story कॉलम के तहत बताने जा रहे हैं। इस लड़की का नाम है, आरूषि मिश्रा, जिन्होंने आईआईटी रुड़की से बीटेक करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की और सफल हुईं। आइए डालते हैं इनकी पढ़ाई से लेकर सफलता तक के सफर पर एक नजर।
रायबरेली से पूरी की है स्कूली एजुकेशन आरूषि मिश्रा प्रयागराज से ताल्लुक रखती हैं। स्कूली एजुकेशन उन्होंने रायबरेली से पूरी की है। वे पढ़ाई में काफी अच्छी थीं। 10वीं में आईसीएसई बोर्ड में 95.14 पर्सेंट और 12वीं सीबीएसई में 91.2 पर्सेंट मार्क्स हासिल किए थे। आरूषि के पिता अजय मिश्रा एडवोकेट और मां नीता मिश्रा लेक्चरर हैं।
UPSC एग्जाम क्रैक करने की ठानी
बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी की और आईआईटी रूड़की से ग्रेजुएशन की डिग्री ली। यहां से यूजी डिग्री लेने के बाद ही उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करने की ठान ली थी।
शुरुआती दौर में नहीं मिली सफलता यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए उन्होंने एक सटीक रणनीति बनाकर पढ़ाई शुरू कर दी थी। इस दौरान उन्होंने कोचिंग भी की। हालांकि, शुरुआती दौर में उन्हें सफलता नहीं मिली।
फिर मिली सफलता आरुषि ने असफलता से हार नहीं मानी। वे डटी रहीं और पढ़ाई निरंतर करती रहीं। उनकी मेहनत का नतीजा यह निकला था कि इस साल उन्होंने परीक्षा में 229 रैंक हासिल कर ली थी। इसके बाद उनका चयन आईआरएस सेवा के लिए हुआ था। इसके साथ ही, उन्होंने यूपीपीसीएस की परीक्षा भी क्लीयर कर ली थी। हालांकि, उनका लक्ष्य कुछ और था। आरूषि मिश्रा अपने लक्ष्य के लिए निरंतर प्रयास करती रहीं। इसका नतीजा यह हुआ कि साल 2018 में भारतीय वन सेवा की परीक्षा दी और इसमें उन्होंने सिर्फ 2 रैंक हासिल करते हुए सक्सेस उनके हाथ लगी।