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Indian Railway: 1853 में शुरू हुआ था भारत का पहला रेलवे स्टेशन, जानें बोरी बंदर से CSMT बनने की कहानी

Indian Railway भारत के पहले रेलवे स्टेशन बोरी बंदर की औपचारिक शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई थी। इसी दिन भारत की पहली यात्री ट्रेन मुंबई के बोरी बंदर स्टेशन से ठाणे स्टेशन के बीच चलाई गयी थी।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Thu, 04 May 2023 05:29 PM (IST)
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Indian Railway: भारत के पहले रेवले स्टेशन का नाम बोरी बंदर था जो 1953 में शुरू हुआ था।
Indian Railway: भारतीय रेलवे वर्तमान समय में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। देश भर में वंदे भारत जैसी हाई स्पीड ट्रेन चलाई जा रही हैं वहीं देश की पहली सेमी हाई-स्पीड रीजनल ट्रेन का संचालन भी जल्द ही शुरू किया जायेगा। देशभर में माल ढोने के लिए मालगाड़ियों का प्रयोग किया जाता है लेकिन इन सभी ट्रेन के सफल संचालन के लिए सबसे अहम कड़ी होते हैं रेलवे स्टेशन। वर्तमान में देश में हजारों रेलवे स्टेशन मौजूद हैं जिनसे प्रतिदिन करीबन 2.5 करोड़ यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं। आप सफर के दौरान विभिन्न रेलवे स्टेशन से होकर गुजरते हैं और उनके बारे में सोचते होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत का पहला रेलवे स्टेशन कब खुला था और उससे कब पहली ट्रेन का संचालन हुआ था। अगर नहीं पता है तो आप इस आर्टिकल से जान पाएंगे कि भारत के पहले रेलवे स्टेशन की शुरुआत कब हुए थी और किन स्टेशनों के बीच पहली यात्री ट्रेन को चलाया गया था।

Indian Railway: कब बना भारत का पहला रेलवे स्टेशन

भारत का पहला रेलवे स्टेशन मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है। इस स्टेशन को सबसे पहले बोरी बंदर रेलवे स्टेशन नाम दिया गया। 16 अप्रैल 1853 को इस रेलवे स्टेशन का औपचारिक उद्घाटन किया गया और इससे भारत की पहली यात्री ट्रेन का संचालन किया गया था। इस 14 डिब्बों वाली ट्रेन ने बोरी बंदर से ठाणे स्टेशन तक की दूरी तय की जिसमें 400 यात्रियों ने सफर किया था। बोरी बंदर स्टेशन पर 21 तोपों की सलामी के साथ भारत की प्रथम ट्रेन को दोपहर 3.30 बजे हरी झंडी दी गयी थी।

Indian Railway: कैसे बना बोरी बंदर स्टेशन, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस

भारत के लिए पहले रेलवे स्टेशन को बोरी बंदर नाम दिया गया। बोरी बंदर मुंबई में जगह का नाम है और उसी के नाम पर स्टेशन का नाम रखा गया था। 1853 से शुरू हुए इस स्टेशन को 1888 में फिर से बनाया गया और इसे विक्टोरिया टर्मिनस नाम दिया गया। 1888 से लेकर 1996 तक इसे इसी नाम से जाना गया। लेकिन 1996 में तत्कालीन भारत सरकार ने इसका नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस कर दिया गया। इसके बाद 2017 में वर्तमान भारतीय सरकार ने इसमें एक बार फिर से संशोधन किया और इसका नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस कर दिया।

Indian Railway: यूनेस्को की विरासत सूची में है शामिल

इस स्टेशन को वास्तुशिल्प का जीता-जागता उदहारण माना जाता है। इसका निर्माण इटैलियन मार्वल के अलावा बलुआ पत्थर एवं चूने के पत्थरों के द्वारा किया गया है। इसकी सुंदरता को देखते हुए यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एवं कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (UNESCO) ने इसे वर्ष 2004 में विश्व विरासत की सूची में जगह प्रदान की।