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10वीं-12वीं की परीक्षा पैटर्न में बदलाव की दिशा में पहल तेज, शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों के शिक्षा बोर्डों के साथ की चर्चा

कोई दसवीं की बोर्ड परीक्षा अभी सिर्फ आठ दिन में कराता है तो कोई इसे 34 दिन में कराता है। ऐसी ही कुछ स्थिति बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर है। बिहार इसे दस दिन में कराता है तो पंजाब में यह 63 दिन में होती। सभी राज्यों के स्कूली शिक्षा बोर्डों की दसवीं व बारहवीं की परीक्षाओं की अवधि में एकरूपता लाने शिक्षा मंत्रालय ने पहल तेज की है।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Thu, 22 Aug 2024 11:45 PM (IST)
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परीक्षा पैटर्न में बदलाव की दिशा में पहल तेज
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक देश एक ही कक्षा लेकिन परीक्षाओं के पैटर्न सभी राज्यों में अलग है। कोई दसवीं की बोर्ड परीक्षा अभी सिर्फ आठ दिन में कराता है तो कोई इसे 34 दिन में कराता है। ऐसी ही कुछ स्थिति बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर है।

बिहार इसे दस दिन में कराता है तो पंजाब में यह 63 दिन में होती है। फिलहाल सभी राज्यों के स्कूली शिक्षा बोर्डों की दसवीं व बारहवीं की परीक्षाओं की अवधि में एकरूपता लाने शिक्षा मंत्रालय ने पहल तेज की है। राज्यों के साथ इसे लेकर विमर्श शुरू किया गया है। माना जा रहा है कि इस पहल से कोई भी राज्य दूसरे राज्य की बोर्ड परीक्षाओं की गुणवत्ता पर सवाल नहीं खड़ा सकेगा।

परीक्षाओं की अवधि लंबे होने से छात्रोंं में होता तनाव

साथ ही छात्रों को भी फटाफट या परीक्षा की लंबी अवधि से छुटकारा मिलेगा। वैसे भी विशेषज्ञों के मानें तो परीक्षाओं की अवधि ज्यादा लंबी होने से छात्रों में तनाव बढ़ता है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों के स्कूली शिक्षा बोर्डों के परीक्षा पैटर्न का अध्ययन करने के बाद यह पहल शुरू की है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी स्कूली शिक्षा में एकरूपता लाने की पहल की गई है। इतना ही नहीं, मंत्रालय ने परीक्षा के पैटर्न और मूल्यांकन के तरीके में भी एकरूपता लाने की जरूरत बताई है।

परीक्षा पैटर्न में बदलाव की दिशा में पहल तेज

मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की माना है कि देश में एक ही कक्षा में पढ़ने वाले सभी छात्रों के पढ़ाई के स्तर को एक समान रखना है, तो जरूरी है कि सभी स्कूली शिक्षा बोर्ड मूल्यांकन के तरीके में भी एकरूपता लाए। शिक्षा मंत्रालय ने इसके साथ ही केंद्रीय बोर्ड यानी सीबीएसई के परीक्षा पैटर्न में बदलाव की दिशा में पहल तेज की है। जिसमें अगले साल से दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं को जेईई मेन की तर्ज पर साल में दो बार कराने की तैयारी है।

मंत्रालय का मानना है कि इससे छात्रों पर बोर्ड परीक्षा को लेकर दबाव कम होगा। यदि एक परीक्षा वह बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए है, तो वह दूसरी परीक्षा में हिस्सा लेकर उसे सुधार सकते है। इसके साथ सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं की अवधि को अधिकतम महीने भर के भीतर रखने का भी सुझाव है। मौजूदा समय में दसवीं की बोर्ड परीक्षा सीबीएसई 34 दिन में कराती है, जबकि बारहवीं की 49 दिन में कराती है।