Inspiring Story: गरीबी को मात देकर डॉक्टर बन गई पिंकी हरयान, कभी सड़कों पर भीख मांगकर किया था गुजारा
पिंकी हरयान (Pinky Haryan Success Story) हाल ही में चीन के एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करके वापस लौटी हैं और अब वे भारत में डॉक्टरी की प्रैक्टिस करने के लिए विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (FMGE) की तैयारी कर रहीं है ताकि वे आगे चलकर बेसहारा लोगों की सेवा करने और उन्हें बेहतर जीवन देने में मदद कर सकें।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। दृढ़ संकल्प और कुछ कर जाने की इच्छाशक्ति अवश्य ही सफलता की ओर दृणता से आगे बढ़ाने का काम करती है और यही कर दिखाया वर्तमान में MBBS कर चुकी पिंकी हरयान। शुरुआती जीवन में वे अपने माता पिता के साथ भीख मांगकर अपना गुजारा करने वाली पिंकी आज सफल डॉक्टर बन चुकी हैं। कड़ी मेहनत व दृण इच्छाशक्ति से उन्होंने गरीबी को हराकर आज बेहद ही ऊंचा मुकाम हासिल कर लोगों के लिए इंस्पिरेशन का काम किया है।
टोंग लेन चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक ने बदल दी जिंदगी
पिंकी हरयान मैक्लोडगंज में बौद्ध मंदिर के सामने अपनी मां के साथ एक बार भीख मांग रही थीं। इस दौरान टोंग लेन चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक भिक्षु लोबसांग जाम्यांग की नजर उन पर पड़ गई। इसके बाद भिक्षु लोबसांग जाम्यांग उनके घर गए और पिंकी की शिक्षा के लिए उनके माता पिता को तैयार कर लिया। इसके बाद चैरिटेबल ट्रस्ट के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई पूरी करने लगीं।
नीट पास करने के बाद भी नहीं ले सकीं एडमिशन
पिंकी ने डॉक्टर बनने के लिए देश की प्रसिद्ध परीक्षा NEET को क्वालीफाई कर लिया था लेकिन प्राइवेट कॉलेज की फीस जमा न कर पाने के चलते वे अपनी डॉक्टरी भारत से नहीं कर पाईं। इसके बाद यूनाइटेड किंगडम में टोंग-लेन चैरिटेबल ट्रस्ट की मदद से उन्होंने 2018 में चीन के एक मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया और यहीं से उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की।
FMGE की कर रहीं तैयारी
बेसहारा लोगों की सेवा करने और उन्हें बेहतर जीवन देने के लिए तत्पर रिंकी हरयान अब भारत में डॉक्टरी की प्रैक्टिस करने के लिए विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (FMGE) की तैयारियों में लग गई हैं जिससे वे इस देश के मेडिकल क्षेत्र के लिए काम कर सकें
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