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शिक्षा मंत्रालय ने लिया फैसला, लगभग 290 करोड़ रुपये होंगे खर्च, सात लाख बालिकाओं को मिलेगा लाभ

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार इस पहल से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की बालिकाओं को डिजिटल रूप से दक्ष बनाया जाएगा और उनके ज्ञान एवं कौशल को बढ़ाया जाएगा। इससे डिजिटल ज्ञान में पुरुष और महिलाओं के बीच मौजूदा खाई को पाटना भी संभव हो जाएगा। ये विद्यालय कक्षा छह से बारहवीं तक के आवासीय विद्यालय होते हैं। पढ़ाई का खर्च सरकार वहन करती है।

By Rishi Sonwal Edited By: Rishi Sonwal Published: Thu, 04 Jul 2024 10:15 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2024 10:15 AM (IST)
देशभर की सभी केजीबीवी होंगी आइसीटी लैब और स्मार्ट क्लास रूम से लैस

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : बालिकाओं को सशक्त और शिक्षित बनाने की मुहिम में जुटी केंद्र सरकार ने बुधवार को एक और बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत देशभर के सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) को अब आइसीटी (इंफार्मेशन एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोजाजी) लैब और स्मार्ट क्लास रूम से लैस किया जाएगा। इस पर कुल 290 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं, इस पहल से इन स्कूलों में पढ़ने वाली सात लाख बालिकाओं को इसका लाभ मिलेगा। मौजूदा समय में देश में करीब 5116 केजीबीवी कार्यरत हैं।

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस पहल से बालिकाओं को डिजिटल रूप से दक्ष बनाया जाएगा और उनके ज्ञान एवं कौशल को बढ़ाया जाएगा। इससे डिजिटल ज्ञान में पुरुष और महिलाओं के बीच मौजूदा खाई को पाटना भी संभव हो जाएगा। ये विद्यालय कक्षा छह से बारहवीं तक के आवासीय विद्यालय होते हैं। जिसमें वंचित वर्ग यानी एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) जीवनयापन करने वाली बालिकाओं को शिक्षा दी जाती है। सभी स्कूल पिछड़े क्षेत्रों में खोले गए हैं।

यह भी मिलेगा लाभ केजीबीवी में आइसीटी सुविधाएं मुहैया होते ही यहां पढ़ने वाली बालिकाओं को स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से चलाए जाने वाले विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों का लाभ भी मिलने लगेगा। जैसे राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी, ई-पाठशाला, राष्ट्रीय मुक्त शैक्षणिक संसाधन भंडार और दीक्षा आदि तक इनकी बेहतर पहुंच हो जाएगी। इससे इन बालिकाओं का ज्ञान एवं कौशल बढ़ेगा।


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