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इसलिए 7 अगस्त को मनाया जाता है राष्ट्रीय हथकरघा दिवस, 2021 से पहले सिर्फ खादी से ही तिरंगा बनाने का था नियम

National Handloom Day 2023 बुनकरों को समर्पित राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को मनाए जाने की शुरूआत वर्ष 2015 में की गई थी और इस अवसर पर अवसर पर हथकरघा यानि हैंडलूम के क्षेत्र में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश भर में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को 7 अगस्त को ही मनाएं जाने के पीछे कारण काफी रोचक है।

By Rishi SonwalEdited By: Rishi SonwalUpdated: Mon, 07 Aug 2023 04:02 PM (IST)
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भारत सरकार ने 7 अगस्त 2015 से राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाए जाने शुरूआत की थी।

National Handloom Day 2023: आज राष्ट्रीय हथकरघा दिवस है। हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पूरे में मनाया जाता है। बुनकरों को समर्पित राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को मनाए जाने की शुरूआत वर्ष 2015 में की गई थी और इस अवसर पर अवसर पर हथकरघा यानि हैंडलूम के क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों बढ़ावा देने के उद्देश्य से देश भर में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। हालांकि, राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2023 को लेकर किसी मुख्य विषय (Theme) की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय और मॉय गॉव (MyGov) द्वारा ‘My Textile My Pride’ और ‘Handloom, an Indian Legacy’ कैंपेन के साथ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस प्रमोट किया जाता रहा है।

National Handloom Day 2023: इसलिए 7 अगस्त को मनाया जाता है राष्ट्रीय हथकरघा दिवस

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस को 7 अगस्त को ही मनाएं जाने के पीछे कारण काफी रोचक है। पूरे विश्व में सबसे बड़े हथकरघा उद्योग वाले भारत के स्वतंत्रता संग्राम में इस हथकरघा का विशेष महत्व रहा है। हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने और विदेशी वस्तुओं (जिनमें वस्त्र भी शामिल थे) के बहिष्कार के लिए स्वेदशी आंदोलन की शुरूआत 7 अगस्त 1905 की को गई थी। इसी आंदोलन के चलते हथकरघा तत्कालीन भारत के लगभग हर घर में खादी बनाने की शुरूआत हुई थी। इसी कारण से भारत सरकार ने 7 अगस्त 2015 से राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाए जाने शुरूआत की थी। इस कड़ी में इस बार में इसका 9वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है।

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National Handloom Day 2023: 2021 तक तिरंगा सिर्फ खादी से ही बनाए जाने का था नियम

राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का महत्व इस बात से लक्षित होता है कि भारतीय ध्वज संहिता में वर्ष 2021 में हुए संशोधन के पहले तक तिरंगा झण्डा सिर्फ खादी से ही बने होने का नियम लागू था। हालांकि, तिरंगा झण्डा बनाने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) द्वारा निर्धारित विनिर्माण प्रक्रिया और विशिष्टताओं का पालन जरूरी होता है।

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