Delhi School Reopening 2021: निजी स्कूलों ने मांगी दिल्ली सरकार से 6वीं से 8वीं तक के लिए स्कूल खोलने की इजाजत
Delhi School Reopening 2021 दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोशिएशन (डीएसपीएसएमए) ने कहा है कि यदि 24 सितंबर 2021 तक 6वीं से 8वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल फिर से खोलने की अनुमति नहीं दी गयी तो वे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
By Rishi SonwalEdited By: Updated: Tue, 14 Sep 2021 11:01 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Delhi School Reopening 2021: दिल्ली के निजी स्कूलों ने कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के स्टूडेंट्स के लिए भी फिजिकल क्लासेस फिर से शुरू करने की राज्य सरकार से अनुमति मांगी है। इस सम्बन्ध में दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोशिएशन (डीएसपीएसएमए) ने कहा है कि यदि 24 सितंबर 2021 तक 6वीं से 8वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल फिर से खोलने की अनुमति नहीं दी गयी तो वे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई के एक अपडेट के अनुसार डीएसपीएसएमए प्रेसीडेंट ने कहा, “कक्षा 9 से 12 के लिए स्कूल फिर से खुल गए हैं और अब तक महामारी के संक्रमण कोई भी शिकायत नहीं मिली है। ऐसे में यदि निजी स्कूलों में स्टूडेंट्स की उपस्थिति में और भी सुधार होगा यदि वे बस सेवाएं प्रदान करना शुरू कर दें जो वे सभी वर्तमान में नहीं कर रहे हैं।”
इसके साथ ही, डीएसपीएसएमए प्रेसीडेंट ने पूछा, “अब कक्षा 6 से 8 के लिए फिर से खोलने में क्या हर्ज है? हम इस पर सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं और 24 सितंबर तक इन कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला नहीं होने पर सीएम आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए फिजिकल क्लासेस का फिर से आयोजन 1 सितंबर 2021 से शुरू किया गया है। विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार जहां सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की उपस्थिति बढ़ती जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर निजी स्कूलों को अब भी सीनियर स्टूडेंट्स के अधिक संख्या में आने का इंतजार है। इस क्रम में अब निजी स्कूल मिडिल कक्षाओं को शुरू करने और बस सुविधा देने की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानि डीडीएमए ने स्कूलों को खोले जाने को लेकर महामारी के संक्रमण के मद्देनजर कई दिशा-निर्देश पहले ही जारी किये हैं। इनमें अधिकतम 50 फीसदी की उपस्थिति, अनिवार्य थर्मल स्कैनिंग, अलग-अलग लंच ब्रेक, आदि शामिल हैं।