Emerging Career : डाटा साइंटिस्ट के रूप में संभावनाएं, देश में बढ़ रहे रोजगार के अवसर
पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा (उप्र) में देश के सबसे बड़े डाटा सेंटर का शुभारंभ तेजी से बढ़ते डाटा और इसकी उपयोगिता का प्रमाण है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस तरह के सेंटर्स की संख्या और बढ़ेगी। इससे डाटा साइंटिस्ट/एनालिस्ट की मांग में भी तेजी आएगी।
By Jagran NewsEdited By: Dheerendra PathakUpdated: Tue, 15 Nov 2022 06:13 PM (IST)
धीरेंद्र पाठक, नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) में 6500 करोड़ रुपये के निवेश वाले योट्टा डाटा सेंटर के शुरू होने से माना जा रहा है कि इससे कंपनियों, शिक्षण संस्थानों, सरकारी एजेंसियों को यहां अपना डाटा स्टोर रखने के लिए सुरक्षित सर्वर मिल सकेगा। इसके अलावा, इंटरनेट मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि) प्लेटफार्म के साथ ही बैंकिंग, व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन व आधार आदि से जुड़े डाटा को भी इस डाटा सेंटर में सुरक्षित रखने की व्यवस्था होगी।
फरीदाबाद (हरियाणा) में भी पिछले दिनों इसी तरह का एक डाटा सेंटर शुरू हुआ है। इससे पहले इस तरह के डाटा सेंटर माइक्रोसाफ्ट, गूगल या फिर अमेजन के पास थे। आने वाले समय में देश के अलग-अलग शहरों में भी इस तरह के डाटा सेंटर खुलने की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में जैसे-जैसे इन डाटा सेंटर की संख्या बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे इनके रखरखाव और सिक्योरिटी का काम भी बढ़ता जाएगा।ऐसा इसलिए कि आज के तकनीकी दौर में जो सबसे ज्यादा कीमती है, वह है आपका डाटा है। क्योंकि आपके आधार कार्ड से लेकर क्रेडिट कार्ड तक तमाम सूचनाएं इन डाटा सेंटर्स में होती हैं। ऐसे में एक ओर जहां डाटा सिक्योरिटी के प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ रही है, वहीं दूसरी ओर इकट्ठा होने वाले इन डाटा से जरूरी और बिजनेस में काम आने वाली उपयोगी जानकारियां निकालने के लिए डाटा साइंटिस्ट और डाटा एनालिस्ट जैसे प्रोफेशनल्स की जरूरत भी बढ़ रही है। वैसे भी देखा जाए, तो पिछले कई सालों से भारत में डाटा एनालिटिक्स का कारोबार दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है और बहुराष्ट्रीय कंपनियां कुशल युवाओं को इसके लिए आकर्षक सैलरी आफर कर रही हैं।
तेजी से बढ़ रहे अवसरकोरोना महामारी के बाद आज हर बड़ा कारोबारी या कंपनी वेबसाइट के अलावा अपना मोबाइल एप भी बनवा रही है। इससे डिजिटल डाटा पहले की तुलना में काफी बढ़ रहा है। आनलाइन गतिविधियों में आई तेजी के कारण भी पिछले दो साल में डाटा भंडारण कई गुना बढ़ गया है। इसलिए भारत समेत दुनिया भर में ऐसे कुशल लोगों की काफी जरूरत महसूस की जा रही है, जो एकत्रित डाटा का विश्लेषण करके कंपनियों या वित्तीय संस्थानों के बिजनेस को बढ़ाने में मदद कर सकें, उन्हें आगे की रणनीति बनाने के लिए जरूरी जानकारियां उपलब्ध करा सकें। इसीलिए आज हर बड़ी कंपनी/संस्थान में डाटा साइंटिस्ट के अलावा डाटा इंजीनियर, डाटा एडमिनिस्ट्रेटर, एनालिटिक्स स्पेशलिस्ट, रिसर्च साइंटिस्ट या एनालिस्ट आदि प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ रही है।
कोर्स के साथ कौशल जरूरीअगर बुनियादी योग्यता की बात करें, तो एक क्वालिफाइड डाटा साइंटिस्ट बनने के लिए उम्मीदवार के पास मैथ्स, स्टैटिस्टिक्स, कंप्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग या अप्लायड साइंस में एमटेक या एमएस की डिग्री होना जरूरी है। कई संस्थानों में डाटा साइंस में बीटेक डिग्री जैसे फुलटाइम कोर्स कराए जा रहे हैं। इसके अलावा, डाटा साइंस में पीजीडीएम (रिसर्च ऐंड बिजनेस एनालिटिक्स) जैसे कोर्स भी कराए जा रहे हैं। इन कोर्सेज के अंतर्गत मैथ्स, अल्गोरिदम टेक्निक, स्टैटिस्टिक्स, मशीन लर्निंग एवं पाइथन, हाइव, एसक्यूएल जैसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सिखाए जाते हैं। इस पेश में काफी मेहनत, समय एवं धैर्य की भी जरूरत होती है।
इसके अलावा, डाटा साइंटिस्ट के पास बिजनेस की अच्छी समझ एवं बेहतर कम्युनिकेशन स्किल भी होनी चाहिए। इसके अलावा, किसी भी प्रोग्राम या कोर्स का चयन करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा करना अच्छा रहता है। आफलाइन कोर्सेज के अलावा इनदिनों डाटा साइंस/एनालिटिक्स में दक्षता बढ़ाने के लिए कई आनलाइन कोर्सेज भी संचालित है। अगर आनलाइन सीखना चाहें, तो सिंप्लीलर्न, जिगसा एकेडमी, एडुरेका, लर्नबे आदि के माध्यम से कुशलता विकसित कर सकते हैं। वैसे जानकारों की मानें, तो डाटा साइंस में करियर बनाने के लिए मैथ्स की पृष्ठभूमि वालों को तेजी से आगे बढ़ने में काफी मदद मिलती है।
लाखों में पैकेजग्लासडोर की एक रिपोर्ट के अनुसार, डाटा साइंस आज के समय में सबसे अधिक उच्च वेतन भुगतान वाली नौकरियों में से एक है, जहां एक डाटा साइंटिस्ट का औसत पैकेज 10 लाख रुपये सालाना तक है। सबसे अच्छी बात यह है कि डाटा साइंस कोर्स के पूरा होने के बाद ऐसे छात्रों को तुरंत किसी न किसी कंपनी में रोजगार के मौके मिल जाते हैं। भारत में काम करने वाली कंपनियों के अलावा दुनिया के किसी भी देश में काम करने का मौका भी होता है। बहुराष्ट्रीय और विदेश स्थित कंपनी में काम करने पर वेतन अपेक्षाकृत अधिक आकर्षक हो सकता है।
प्रमुख संस्थानआइआइटी खड़गपुर/मुंबई/दिल्लीwww,iitkgp.ac.inआएसआइ कलकत्ताwww.isical.ac.inइंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, कलकत्ताwww.iimcal.ac.in..............................हाइलाइट्स2026 तक तीन गुना प्रति व्यक्ति डाटा खर्च बढ़ने की उम्मीद है देश में।(एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार)
-98 प्रतिशत तक भारत में स्मार्टफोन यूजर की हिस्सेदारी होने का अनुमान है अगले पांच साल में।-12.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है डाटा एनालिटिक्स का वैश्विक बाजार 2027 तक।(बिग डाटा एनालिटिक्स इंडस्ट्री रिपोर्ट के अनुसार)..........................एक्सपर्ट व्यूतेजी से बढ़ रहे हैं अवसरअब एक-एक एक सेकंड में इतना डाटा पैदा होता है कि कंपनियां खुद उसका विश्लेषण नहीं कर सकती हैं। इसके लिए उन्हें नई तकनीक और नये साफ्टवेयर चाहिए, जो उसके जरिए डाटा का विश्लेषण कर सकें। इस विश्लेषण के आधार पर ही कंपनियां यह तय करती हैं कि उन्हें किस जगह पर क्या करना चाहिए, कौन से उत्पाद ज्यादा बनाने चाहिए इत्यादि। जिन-जिन कंपनियों में डाटा विश्लेषण से जुड़े कार्य हो रहे हैं, उन सब जगहों पर डाटा साइंटिस्ट/एनालिस्ट की काफी आवश्यकता पड़ रही है। आने वाले 10 से 15 वर्षों में डाटा साइंस से जुड़ी तकनीक और ज्यादा उन्नत हो जाएगी। इसलिए अगले 10 साल में जो भी युवा इस फील्ड में आएंगे, उनका भविष्य बहुत उज्ज्वल रहने वाला है।
विवेक कुमार सिंहडायरेक्टर, करियरएरा