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School Fee 2021: तो क्या अब दिल्ली के प्राइवेट स्कूल लेंगे एन्नुअल चार्जेस और डेवेलपमेंट फीस?

School Fee 2021 दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा इस निदेशालय के आदेश को यह कहते हुए रद्द किया गया है कि इस तरह के प्रतिबंध ‘गैर-कानूनी’ हैं दिल्ली विद्यालय शिक्षा (डीएसई) अधिनियम एवं सम्बन्धित नियमों के माध्यम से निदेशालय को प्राप्त अधिकारों दुरुपयोग है।

By Rishi SonwalEdited By: Updated: Tue, 01 Jun 2021 12:05 PM (IST)
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दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश को यह कहते हुए रद्द किया गया है कि इस तरह के प्रतिबंध ‘गैर-कानूनी’ हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। School Fee 2021: कोविड-19 महामारी और रोकथाम के लिए लॉकडाउन से परंपरागत शैक्षणिक गतिविधियों पर रोक के कारण पूरे देश के निजी स्कूलों में पिछले शैक्षणिक सत्र 2020-21 से ही सिर्फ ट्यूशन फीस लिया जा रहा है। दिल्ली के भी निजी स्कूलों को भी सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने के आदेश राज्य के शिक्षा निदेशालय द्वारा अप्रैल 2020 और अगस्त 2020 मंक जारी किये गये थे। इस आदेश को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सोमवार, 31 मई 2021 को हुई एक सम्बन्धित मामले की सुनवाई के दौरान रद्द कर किया गया है। दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा इस निदेशालय के आदेश को यह कहते हुए रद्द किया गया है कि इस तरह के प्रतिबंध ‘गैर-कानूनी’ हैं दिल्ली विद्यालय शिक्षा (डीएसई) अधिनियम एवं सम्बन्धित नियमों के माध्यम से निदेशालय को प्राप्त अधिकारों दुरुपयोग है।

दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा यह फैसला राजधानी के 450 अन-ऐडेड प्राइवेट स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘एक्शन कमेट अनऐडेड रिकोग्नाइज्ड स्कूल्स’ द्वारा अधिवक्ता कमल गुप्ता के माध्यम से दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया गया। इस याचिका के माध्यम से दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अप्रैल और अगस्त 2020 के आदेशों को यह कहते हुए चुनौती दी गयी थी कि ये ऑर्डर निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों के फीस निर्धारित करने के अधिकारों की उल्लंघन करते हैं।

दिल्ली प्राइवेट स्कूल फीस 2021 को लेकर दायर याचिका सुनवाई कर रहे दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ती जयंत नाथ ने, हालांकि, माना कि फिजिकल रूप में स्कूल न खोले जाने के कारण कुछ धन की बचत कर रहे हैं और कहा कि इंडियन स्कूल, जोधपुर वर्सेस स्टेट ऑफ राजस्थान के एक मामले में उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया था कि निजी स्कूल एन्नुअल फीस में 15 फीसदी की कटौती करते हुए ले सकेंगे।

वार्षिक शुल्क छह बराबर मासिक किस्तों में

हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि राजधानी के स्कूलों द्वारा लगाया जाना वाले वार्षिक शुल्क छह बराबर मासिक किस्तों में होना चाहिए, जिसकी शुरूआत 10 जून से हो सकती है। वहीं, अदालत ने कहा कि छात्रों को ऑनलाइन क्लासेस के दौरान शुल्क में छूट देने के लिए स्वतंत्र होंगे और वे किसी भी स्टूडेंट को ऑनलाइन क्लासेस वंचित नहीं करेंगे। साथ ही, स्कूल किसी भी स्टूडेंट के बकाया शुल्क के भुगतान न होने की स्थिति में बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट रोक नहीं सकेंगे। इसके अतिरिक्त, यदि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के वार्षिक शुल्क का भुगतान करने में यदि कोई छात्र या पैरेंट्स असमर्थ होते हैं और छूट की मांग करते हैं तो इसे ‘केस-टू-केस’ बेसिस पर सहानुभूति के तौर पर स्वीकार कर सकते हैं।