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NEET UG 2024: 'लाखों बच्चों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकते', NEET पेपर लीक मामले पर छात्रों से कही ये बड़ी बात

NEET UG 2024 नीट यूजी परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के चलते एग्जाम रद्द कर दोबारा कराने ( NEET RETEST ) की मांग वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई टाल दी। शीर्ष अदालत अब इस मामले की सुनवाई 18 जुलाई 2024 को करेगी। इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कुछ NEET अभ्यर्थियों से अपने आवास पर मुलाकात की।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Thu, 11 Jul 2024 06:40 PM (IST)
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NEET अभ्यर्थियों से की मुलाकात (फोटो- ऑनलाइन)

पीटीआई, नई दिल्ली। इस साल मेडिकल प्रवेश परीक्षा के आयोजन में कथित अनियमितताओं को लेकर चल रहे विवाद के बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को अपने आवास पर कुछ NEET अभ्यर्थियों से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, छात्रों ने मई में आयोजित परीक्षा के भाग्य को लेकर व्याप्त अनिश्चितता, काउंसलिंग प्रक्रिया में देरी और अंततः शैक्षणिक कैलेंडर जैसे मुद्दे उठाए।

हालांकि कई क्षेत्रों से दोबारा परीक्षा कराने की मांग की जा रही है, लेकिन शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि प्रश्नपत्र लीक की घटनाएं स्थानीय स्तर पर हुई हैं और परीक्षा को पूरी तरह रद्द करके उन लाखों अभ्यर्थियों के करियर को खतरे में नहीं डाला जा सकता, जिन्होंने निष्पक्ष परीक्षा पास की है।

सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए स्थगित

बता दें कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को परीक्षा रद्द करने और परीक्षा दोबारा आयोजित करने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। याचिकाकर्ताओं ने कथित गड़बड़ियों की भी जांच की मांग की है। मंत्रालय ने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया है कि आईआईटी मद्रास द्वारा नीट-यूजी 2024 के परिणामों का डेटा विश्लेषण किया गया था, जिसमें पाया गया कि न तो 'बड़े पैमाने पर कदाचार' का कोई संकेत था और न ही उम्मीदवारों के किसी स्थानीय समूह को इसका लाभ मिला और उन्होंने असामान्य रूप से उच्च अंक प्राप्त किए।

सीबीआई कर रही है मामले की जांच 

सरकार का यह दावा शीर्ष अदालत द्वारा 8 जुलाई को की गई टिप्पणियों के मद्देनजर महत्वपूर्ण है, जिसमें उसने कहा था कि यदि परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई तो वह दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दे सकती है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है।

5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर हुई थी परीक्षा 

5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 23.33 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, जिनमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। केंद्र और एनटीए ने शीर्ष अदालत में दायर अपने पहले हलफनामों में कहा था कि परीक्षा को रद्द करना 'प्रतिकूल' होगा और बड़े पैमाने पर गोपनीयता के उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को 'गंभीर रूप से खतरे में डाल देगा'।

राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा आयोजित की जाती है।

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