NEET UG 2024: नीट यूजी में ग्रेस मार्क्स दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका, समिति गठित करने का भी हुआ अनुरोध
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG) 2024 में ग्रेस मार्क्स दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसके साथ ही याचिका में शीर्ष अदालत से परीक्षा प्रक्रिया एवं नीट यूजी 2024 के परिणामों की जांच के लिए अपनी निगरानी में विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध किया गया है। जानकारी के मुताबिक 1500 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र: मेडिकल के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) 2024 में 1,500 से ज्यादा अभ्यर्थियों को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा प्रदान किए गए कृपांक (ग्रेस मार्क्स) के विरुद्ध एडटेक कंपनी 'फिजिक्स वाला' के चीफ एक्जीक्यूटिव अलख पांडे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
याचिका में शीर्ष अदालत से परीक्षा प्रक्रिया एवं नीट यूजी 2024 के परिणामों की जांच के लिए अपनी निगरानी में विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अन्य सुनवाई में केंद्र सरकार और एनटीए मांगा था जवाब
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को एक अन्य याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि नीट यूजी 2024 की शुचिता भंग हुई है और इस संदर्भ में केंद्र सरकार और एनटीए से जवाब मांगा था। उस याचिका में कथित रूप से पेपर लीक होने और अन्य अनियमितताओं के आधार पर परीक्षा को पुन: कराने की मांग की गई है।अधिवक्ता रोहित जैन के जरिये दाखिल याचिका में पांडे ने विशेष समिति को यह निर्देश दिए जाने की मांग भी की है कि वह अन्य छात्रों के हितों को नुकसान पहुंचाए बिना नीट की आयोजन प्रक्रिया में सुधार के लिए सुझाव दे ताकि वह खामियों से मुक्त हो सके। पांडे की ओर से पेश अधिवक्ता जे. साई दीपक ने तत्काल सुनवाई के लिए मंगलवार को जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया था। लेकिन पीठ ने उन्हें इसके लिए शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री से संपर्क करने को कहा था।
साई दीपक ने कहा, 'अदालत में विभिन्न याचिकाएं सूचीबद्ध हुई हैं। कुछ याचिकाएं परिणामों की घोषणा से पहले पेपर लीक होने के आधार पर दायर की गई थीं। उन याचिकाओं पर नोटिस जारी किए गए हैं। हमारी याचिका कुछ अलग है। हम अलख पांडे का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जिन्होंने लगभग 20 हजार छात्रों के हस्ताक्षर एकत्रित किए हैं जो दर्शाते हैं कि कम से कम 1,500 छात्रों को 70 से 80 अंक कृपांक के रूप में दिए गए। हमने मनमाने तरीके से कृपांक दिए जाने को चुनौती दी है। अदालत ने संकेत दिया है कि हमारे मामले पर अन्य मामलों के साथ सुनवाई की जाएगी, लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया है कि इस चरण में वह काउंसलिंग की प्रक्रिया नहीं रोकेगा।
याचिका को अभी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना है। याचिका में कहा गया है कि एनटीए ने प्रतिक्रिया के रूप में ग्रेस मार्क्स प्रदान किए जाने की सूचना दी, परिणामों की घोषणा करते समय उसने अपनी ओर से इस बाबत नहीं बताया। यही नहीं, एनटीए ने पूर्व में कभी भी ग्रेस मार्क्स देने की नीति को नहीं अपनाया था। याचिका में उन 1,563 अभ्यर्थियों का ब्यौरा उपलब्ध कराने की मांग भी की गई है जिन्हें ग्रेस मार्क्स प्रदान किए गए हैं।
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