NExT Exam: नीट यूजी और नेक्स्ट एग्जाम में क्या है अंतर, इस परीक्षा पर क्यों भड़के थे MBBS के छात्र, सब समझिए
NEET UG and NExT Exam अब तक देश भर के मेडिकल कॉलेजों में यूजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट यूजी परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इसके तहत इस परीक्षा को क्रैक करने के बाद उम्मीदवारों को एमबीबीएस बीडीएस बीएएमएस बीएचएमएस बीयूएम समेत अन्य कोर्सेज में दाखिला दिया जाता है। इसके बाद स्टूडेंट्स को पीजी प्रोगाम में दाखिले के लिए नीट पीजी परीक्षा देनी होती थी।
By Nandini DubeyEdited By: Nandini DubeyUpdated: Thu, 10 Aug 2023 11:43 AM (IST)
एजुकेशन डेस्क। NEET UG and NExT Exam: मेडिकल स्टूडेंट्स के बीच इस वक्त नेशनल एग्जिट टेस्ट यानी कि NExT एग्जाम इस वक्त खूब चर्चा हो रही है। हाल ही में, एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं ने इस परीक्षा का विरोध भी किया था। अब ऐसे में, आइए जानते हैं कि आखिर इस परीक्षा से मेडिकल छात्र-छात्राओं को क्या आपत्ति है। इसके अलावा, अब तक मेडिकल कॉलेजों में यूजी सीटों पर दाखिले के लिए आयोजित होने वाली नेशनल एलिजिबलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यूजी परीक्षा से यह अलग क्यों। क्या है नीट यूजी और नेक्स्ट एग्जाम में अंतर। समझते हैं पूरी डिटेल।
अब तक देश भर के मेडिकल कॉलेजों में यूजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट यूजी परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इसके तहत, इस परीक्षा को क्रैक करने के बाद उम्मीदवारों को एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएम समेत अन्य कोर्सेज में दाखिला दिया जाता है। वहीं, यूजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के बाद स्टूडेंट्स को पोस्टग्रेजुएशन प्रोगाम में दाखिले के लिए नीट पीजी परीक्षा देनी होती थी। लेकिन अब यूजी स्टूडेंट्स को पीजी प्रोगाम के लिए नेक्सट यानी कि नेशनल एग्जिट टेस्ट देना होगा। इसके अलावा, एमबीबीएस करने वाले फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को भी NExT एग्जाम देना होगा, फिर चाहें वे पीजी करना चाहें या नहीं। एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों को अंतिम वर्ष की परीक्षा की जगह नेक्स्ट परीक्षा में बैठना होगा। इसी के जरिए उन्हें लाइसेंस प्रदान किया जाएगा। इस हिसाब से कहा जाए कि बिना नेक्सट एग्जाम के एमबीबीएस की डिग्री पूरी नहीं होगी।
छात्र इसलिए कर रहे विरोध
नेक्सट परीक्षा को लेकर तमाम छात्र- छात्राओं ने विरोध किया। साल 2019 के एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं का कहना है कि NEXT परीक्षा उनके बैच पर लागू न किया जाए। इस संबंध में साल बैच 2019 के छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन के दौरान कहा था कि यह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) अधिनियम 2019 की धारा 49 का 'घोर उल्लंघन' है।स्वास्थ्य मंत्री ने दिया यह बयान
इस परीक्षा को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हाल ही में राज्यसभा में कहा था कि एनएमसी ने जून में अधिसूचित नेशनल एग्जिट टेस्ट विनियम करीब 6500 टिप्पणियों पर विचार करने के बाद तैयार किया था।