Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

अब घर बैठे ही पा सकेंगे NCERT की नई किताबें, देश के बीस हजार पिन कोड पर होंगी मुहैया

शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और अनूठे दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का फोकस ज्ञान के अन्वेषण को अगले स्तर पर ले जाने पर है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विभिन्न विषयों में प्रतिवर्ष असाधारण शोध को मान्यता देने और पुरस्कृत करने के लिए पीएचडी उत्कृष्टता प्रशस्ति पत्र (पीएचडी एक्सीलेंस साइटेशन) की स्थापना भी की है।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Mon, 07 Oct 2024 09:01 PM (IST)
Hero Image
घर बैठे ही पा सकेंगे NCERT की नई किताबें (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और अनूठे दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का फोकस ज्ञान के अन्वेषण को अगले स्तर पर ले जाने पर है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विभिन्न विषयों में प्रतिवर्ष असाधारण शोध को मान्यता देने और पुरस्कृत करने के लिए ''पीएचडी उत्कृष्टता प्रशस्ति पत्र'' (पीएचडी एक्सीलेंस साइटेशन) की स्थापना की है। यूजीसी की तीन अक्टूबर को हुई बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया।

इसमें विज्ञान व इंजीनियरिंग से लेकर सामाजिक विज्ञान व भारतीय भाषाओं में असाधारण पीएचडी छात्रों को प्रतिवर्ष 10 प्रशस्ति-पत्र प्रदान करने की योजना पर विचार किया गया। इसके लिए यूजीसी ने द्वि-स्तरीय सख्त चयन प्रक्रिया का प्रस्ताव किया है जिसमें विश्वविद्यालय के स्तर पर एक स्क्रीनिंग कमेटी और यूजीसी के स्तर पर अंतिम चयन समिति शामिल है।

पीएचडी में बढ़कर हो गए 1,61,412 

मूल्यांकन के दौरान मौलिकता, ज्ञान के क्षेत्र में योगदान, स्पष्टता, प्रभाव और थीसिस के समग्र प्रस्तुतिकरण पर विचार किया जाएगा। यूजीसी का एक अध्ययन बताता है कि पीएचडी में 2010-11 में 77,798 प्रवेश के मुकाबले 2017-18 में ये बढ़कर 1,61,412 हो गए थे।

इनमें 30 प्रतिशत साइंस, 26 प्रतिशत इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, 26 प्रतिशत सोशल साइंस, 12 प्रतिशत भारतीय भाषाओं, छह प्रतिशत मैनेजमेंट, चार प्रतिशत एग्रीकल्चर साइंस, पांच प्रतिशत मेडिकल साइंसेज, पांच प्रतिशत एजुकेशन, तीन प्रतिशत कॉमर्स और तीन प्रतिशत विदेशी भाषाओं में थे।