PM Vidyalaxmi Scheme: मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को कैबिनेट से मिली मंजूरी, पढ़ें डिटेल
कैबिनेट की ओर से मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दे दी गई है। सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अभी लोन की व्यवस्ता देश के शीर्ष 860 उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन लेने वाले मेधावी छात्रों को शिक्षा लोन प्रदान किया जाएगा। योजना के लाभ के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की कैबिनेट ने मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस योजना का उद्देश्य वित्तीय दिक्कतों की वजह से भारत के किसी भी युवा को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सहायता देने का है। इस योजना के तहत देशभर के 22 लाख से अधिक छात्रों को कवर किया जाएगा। यह योजना पूर्ण रूप से गारंटर मुक्त शिक्षा ऋण के लिए सक्षम करेगा। इसे छात्रों के अनुकूल और डिजिटल एप्लीकेशन प्रक्रिया के माध्यम से बेहद ही सरल बनाया गया गया ताकी ज्यादा से ज्यादा छात्र इस योजना का लाभ उठा सकें।
कहां और कैसे उठा सकते हैं इस योजना का लाभ
इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्र सीधे ऑनलाइन पोर्टल vidyalakshmi.co.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं। आवेदन से पहले आपको 10वीं कक्षा में दर्ज नाम, मोबाइल नंबर एवं वैलिड ईमेल आईडी के माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर लें और उसके बाद अन्य डिटेल भरकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर लें। वेबसाइट पर लोन को EMI में कैलकुलेट करने की सुविधा भी प्रदान की गई है।
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अभी लोन की व्यवस्ता देश के शीर्ष 860 उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन लेने वाले मेधावी छात्रों को शिक्षा लोन प्रदान किया जाएगा।
क्या है पात्रता
इस योजना के तहत जिन छात्रों की पारिवारिक आयु 4.5 लाख रुपये वार्षिक है उन्हें लोन पर ब्याज से पूर्ण रूप से छूट दी जाएगी। 8 लाख सालाना पारिवारिक आय वाले छात्रों को 10 लाख रुपये तक का लोन केवल 3 प्रतिशत ब्याज दर्ज पर दिया जाएगा। भारत 7.5 लाख की लोन के लिए 75 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी प्रदान करेगी। यह लोन बिना गारंटर के प्रदान किया जाएगा।
यह योजना देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू होगी, जिसे एनआईआरएफ रैंकिंग द्वारा निर्धारित तय किया गया है। इसमें सभी एचईआई, सरकारी और निजी संस्थान शामिल हैं, जो विभिन्न श्रेणी के अंतर्गत एनआईआरएफ में शीर्ष 100 में स्थान पर हैं। राज्य सरकार के HEIs को NIRF और सभी केंद्र सरकार शासित संस्थानों में 101-200 में स्थान दिया गया है। यह सूची नवीनतम एनआईआरएफ रैंकिंग का उपयोग करके हर साल अपडेट की जाएगी, और शुरुआत 860 योग्य क्यूएचईआई से होगी, जिसमें 22 लाख से अधिक छात्र शामिल होंगे ताकि संभावित रूप से पीएम-विद्यालक्ष्मी का लाभ उठाया जा सके।
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