SC on 12th Board Exam 2021: सुप्रीम कोर्ट अब सोमवार को करेगा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के पीआईल पर सुनवाई, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट
Supreme Court on 12th Board Exam 2021 उच्चतम न्यायालय ने सीबीएसई और सीआईएससीई की 12वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किये जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई को सोमवार 31 मई 2021 तक के लिए टाल दिया है।
By Rishi SonwalEdited By: Updated: Fri, 28 May 2021 10:53 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। SC on 12th Board Exam 2021: उच्चतम न्यायालय ने सीबीएसई और सीआईएससीई की 12वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किये जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई को सोमवार, 31 मई 2021 तक के लिए टाल दिया है। साथ ही, शीर्ष न्यायालय ने याचिकाकर्ता एडवोकेट ममता शर्मा को निर्देश दिये हैं कि वे याचिका की एडवांस कॉपी प्रतिवादियों केंद्र सरकार, सीबीएसई और सीआईएससीई को उपलब्ध कराएं।
आज हुई सुनवाईसुप्रीम कोर्ट में आज, 28 मई 2021 को केंद्रीय बोर्डों की कक्षा 12 की लंबित बोर्ड परीक्षाओं को लेकर दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई होनी थी। एडवोकेट ममता शर्मा द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर इस पीएआईएल में मांग की गयी है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की सीनियर सेकेंड्री (कक्षा 12) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशंस (सीआईएससीई) की आईएससी (कक्षा 12) की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किया जाए। बता दें कि पूरे देश में फैली कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के संक्रमण के बचाव के उद्देश्य से सीबीएसई और सीआईएससीई की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं के फिलहाल स्थगित किया गया है।
‘ऑब्जेक्टिव मेथोडोलॉजी’ के आधार पर 12वीं के रिजल्ट घोषित करने की मांगसीबीएसई और सीआईएससीई की 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका में मांग की गयी है दोनो ही बोर्डों के कक्षा 12 के छात्र-छात्राओं के नतीजे बिना परीक्षा दिये ही ‘ऑब्जेक्टिव मेथोडोलॉजी’ के आधार निश्चित समय-सीमा के भीतर घोषित किये जाएं। साथ ही, याचिका के माध्यम से दोनो ही बोर्ड को इस सम्बन्ध में आदेश देने की गुजारिश शीर्ष अदालत से की गयी है।
यह भी पढ़ें - 12th Board Exam 2021: CBSE और CISCE की 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किये जाने के लिए दायर जनहित याचिका पर जाने लेटेस्ट अपडेटयाचिका में कहा गया है, “पूरे देश में कोविड-19 के मामलों की संख्या में बढ़ोत्तरी को को देखते हुए कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन संभव नहीं है। यहां तक की ऑनलाइन परीक्षाएं भी प्रत्याशित महामारी को देखते हुए उपयुक्त नहीं हैं। वहीं, कक्षा 12 के नतीजों में देरी के चलते विदेशी विश्वविद्यालयों में दाखिले चाहने वाले स्टूडेंट्स का भविष्य खराब होगा।”
साथ ही, याचिका के अनुसार, “सीबीएसई और सीआईएससीई दोनो को ही निश्चित समय-सीमा के भीतर ऑब्जेक्टिव मेथोडोलॉजी से नतीजे घोषित करने चाहिए अन्यथा लगभग 12 लाख स्टूडेंट्स प्रभावित होंगे।”