Success Story: शादी के 4 साल बाद पुष्पलता ने शुरू की UPSC की तैयारी, 3 अटेम्प्ट में ये रैंक लाकर बनीं IAS अफसर
Success Story पुष्पलता यादव का जन्म हरियाणा के एक छोटे से गांव में हुआ है। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई भी इसी गांव से हुई है। 12वीं के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन और फिर पोस्टग्रेजुएशन किया। इसके बाद एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने एमबीए की डिग्री भी हासिल की है। एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद पुष्पलता ने मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जॉब शुरू कर दी थी।
एजुकेशन डेस्क। Success Story: आज लड़कियों के लिए हालात पहले से बहुत बेहतर हुए हैं। वह खूब पढ़-लिख रही हैं। हर क्षेत्र में मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है। शादी के बाद वे अपने सपने को साकार कर रही हैं। सक्सेस स्टोरी काॅलम में आज हम ऐसी ही महिला के बारे में बात करने जा रहा है। इस महिला का नाम है पुष्पलता यादव। पुष्पलता ने शादी के चार साल बाद पति और ससुरालवालों के सहयोग से देश की सबसे मुश्किल परीक्षा यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। कई बार महिलाएं शादी के बाद घर-परिवार की जिम्मेदारियों में फंस कर रह जाती हैं लेकिन पुष्पलता ने ऐसा नहीं किया है। उन्होंने न केवल मैरिज के चार साल बाद UPSC की तैयारी की बल्कि सफलता भी पाई। आइए जानते हैं उनकी पूरी कहानी।
पुष्पलता यादव का जन्म हरियाणा के एक छोटे से गांव में हुआ है। उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई भी इसी गांव से हुई है। 12वीं के बाद उन्होंने ग्रेजुएशन और फिर पोस्टग्रेजुएशन किया। इसके बाद एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने एमबीए की डिग्री भी हासिल की है। एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद पुष्पलता ने मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जॉब शुरू कर दी थी। इसके साथ-साथ वे सरकारी नौकरी की तैयारी भी करती रहीं थीं।
जॉब छोड़ शुरू की तैयारी
नौकरी के बाद साल 2011 में उनकी शादी हो गई। वे हरियाणा के मानेसर में रहने लगी। इसके बाद मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, करीब चार साल बाद उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू करने के बारे में सोचा। इसके लिए उन्होंने कुछ वक्त जॉब छोड़ दी।
पति संभालते थे बच्चा
जॉब छोड़कर पुष्पलता ने UPSC की तैयारी तो शुरू कर दी। लेकिन इस दौरान उनके सामने चुनौतियां कम नहीं थीं, क्योंकि इस वक्त उनका बेटा बहुत छोटा था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उनके दो साल के बेटे को उनके पति संभालते थे, जिससे उन्हें पढ़ने के लिए वक्त मिल सके।
तीसरे प्रयास में मिली सफलता
पति और ससुरालवालों के सहयोग से उन्हें एग्जाम की तैयारी करने में खूब मदद मिली। वे दिन-रात मेहनत करती रहीं। हालांकि, इस दौरान उन्हें पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। पहले दो अटेम्प्ट में वे फेल हो गई थीं। लेकिन अंत में तीसरे प्रयास में वे न केवल सफल हुईं, बल्कि उन्होंने परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 80वीं रैंक हासिल की।