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Success Story: आईएएस बनने के लिए हरि चंदना दसारी छोड़ी लंदन की नौकरी, दूसरे प्रयास में पूरा हुआ सपना

Success Story पढ़ाई पूरी करने के बाद हरि चांदना को लंदन में ही विश्व बैंक में नौकरी लग गई। यहां कुछ समय तक काम करने के बाद उन्होंने बीपी सेल के साथ काम किया। हालांकि जॉब करते वक्त उनका ज्यादा मन इसमे लग नहीं पाया। इसलिए उन्होंने यह जॉब छोड़कर भारत वापस लौट आईं। यहां आकर उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।

By Nandini DubeyEdited By: Nandini DubeyUpdated: Sat, 19 Aug 2023 11:38 AM (IST)
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Success Story: हरि चंदना दसारी ने लंदन में नौकरी छोड़ शुरू की तैयारी, दूसरे प्रयास में क्रैक किया एग्जाम

एजुकेशन डेस्क। Success Story: आईएएस बनने की चाह में देश के लाखों युवा यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होते हैं। इनमें से हर कोई अलग-अलग बैकग्राउंड के होते हैं। कभी-कभी तो कोई देश या विदेश में शानदार पैकेज पर काम कर रहे युवा नौकरी छोड़कर इस परीक्षा में बैठते हैं। आज सक्सेस स्टोरी कॉलम में हम आपको एक ऐसी शख्सियत के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए लंदन की नौकरी छोड़ दी। इस शख्सियत का नाम है हरि चंदना दसारी। हरि चंदना ने दूसरे प्रयास में UPSC परीक्षा क्रैक करके अपना IAS बनने का सपना पूरा किया। आइए डालते हैं इनके सफर पर एक नजर।

हरि चांदना दसारी की पढ़ाई-लिखाई हैदराबाद और तेलंगाना से पूरी हुई हैं। उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय से पीजी की डिग्री हासिल की है। पीजी की डिग्री लेने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई विदेश से करने का फैसला लिया। इसके बाद, उन्होंने लंदन स्‍कूल ऑफ इकनॉमिक्‍स से जाकर आगे की पढ़ाई की।

लंदन में मिली शानदार नौकरी

पढ़ाई पूरी करने के बाद हरि चांदना को लंदन में ही विश्व बैंक में नौकरी लग गई। यहां कुछ समय तक काम करने के बाद उन्होंने बीपी सेल के साथ काम किया। हालांकि जॉब करते वक्त उनका ज्यादा मन इसमे लग नहीं पाया। दरअसल, चांदना अपने आईएएस पिता से काफी प्रभावित थीं। इसलिए वे भी चाहती थीं उनकी तरह वे समाज सेवा करें। समाज कल्याण में अपना योगदान दें।  इसलिए उनका दिल जॉब में नहीं लगा। 

शुरू की UPSC की तैयारी 

हरि चांदना दसारी लंदन की नौकरी छोड़कर भारत वापस लौट आईं। यहां आकर उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने सटीक रणनीति बनाई। नोट्स बनाए थे। हालांकि पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी।  

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सेकेंड अटेम्प्ट में पाई सफलता 

पहले प्रयास में असफल होने के बाद भी हरि चांदना अपने लक्ष्य से भटकी नहीं। वे डटी रहीं। अपनी कमजोरियों पर काम करती रहीं। इसका नतीजा यह हुआ है कि दूसरे प्रयास में उन्होंने परीक्षा में  सफलता हासिल कर ली। इस तरह उन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया।