बिना कोचिंग लिए दूसरे प्रयास में बनी IPS अधिकारी, अंशिका वर्मा की Success Story
IPS Success Story प्रयागराज की अंशिका वर्मा आज लाखों युवाओं की प्रेरणा है। इन्होंने बिना कोचिंग के ही अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की कठिन परीक्षा पास कर ली और देशभर में 136वां रैंक हासिल कर के आईपीएस अधिकारी बनीं।
By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Thu, 20 Apr 2023 10:00 AM (IST)
नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा के लिए हर साल लाखों युवा आवेदन देते हैं। हालांकि, लाखों आवेदन देने वाले छात्रों में से सिर्फ आधे परीक्षार्थी ही पास हो पाते हैं, जिन्होंने पूरी लगन से परीक्षा के लिए मेहनत की होती है। वहीं, कुछ युवाओं का मानना है कि इस परीक्षा को पास करने के लिए कोचिंग लेना जरूरी होता है।
आपको बता दें, यह बातें सच नहीं है। बिना कोचिंग भी अगर लगन हो तो युवा इस परीक्षा को आसानी से पास कर सकता है। इस बात को उत्तर प्रदेश की रहने वाली अंशिका वर्मा ने साबित कर दिखाया है। उन्होंने साबित कर दिया कि बिना कोचिंग के ही इस परीक्षा में सफलता मिल सकती है। अंशिका वर्मा ने बिना कोचिंग के ही अपने दूसरे प्रयास में ही परीक्षा क्रैक कर लिया और आईपीएस बन गईं।
अंशिका वर्मा का परिचय
अंशिका वर्मा मूलरूप से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा नोएडा से पूरी की और इसके बाद नोएडा के गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से साल 2014-18 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशंस में बीटेक की डिग्री हासिल की है।पहली बार में नहीं मिली सफलता
इसके बाद अंशिका प्रयागराज आ गईं और यहां पर उन्होंने सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू कर दी। हालांकि, उन्होंने अपने पहले प्रयास में सफलता हासिल नहीं की, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
सेल्फ स्टडी पर किया फोकस
पहली बार असफल होने के बाद उन्होंने और कड़ी मेहनत की। उन्हें पता चल चुका था कि उनके लिए कोचिंग से ज्यादा सेल्फ स्टडी काम करेगी। सेल्फ स्टडी के दम पर वो ज्यादा फोकस कर सकती हैं। इसके बाद उन्होंने 2021 में दूसरी बार परीक्षा दी। इस परीक्षा से भी उन्हें काफी उम्मीदें थी।बिना कोचिंग के बनीं IPS
अंशिका वर्मा ने तय कर लिया था कि उन्हें सिविल सेवा को पास कर अधिकारी बनना है। इसके बाद साल 2021 की प्रीलिम्स और मेंस परीक्षा में उन्होंने सफलता हासिल की और इंटरव्यू में जगह बनाई।