Success Story: मेडिकल फील्ड को बॉय-बॉय बोल, ये डॉक्टर बनें IAS, एक ने तो हासिल की थी AIR 1 रैंक
Success Story डॉ. स्नेहा अग्रवाल ने ने साल 2009 में एम्स नई दिल्ली से स्नातक होने के बाद साल 2010 में यूपीएससी की सिविल परीक्षा दी थी। इस दौरान उन्होंने एआईआर 305 रैंक हासिल की थी। अपने प्रदर्शन से असंतुष्ट होकर उन्होंने वर्ष 2011 में दोबारा एग्जाम दिया था। इस बार उन्होंने एआईआर 1 रैंक हासिल की थी। वहीं अन्य ने भी किया बेहतरीन प्रदर्शन
एजुकेशन डेस्क। Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में हर साल इंजीनियरिंग, मेडिकल, टीचिंग समेत अन्य बैकग्राउंड के कैंडिडेट्स सफल होते हैं। हालांकि, आज हम सक्सेस स्टोरी कॉलम में उन आईएएस अफसरों की कहानी बताने जा रहे हैं, जो कि सिविल सर्विसेज ज्वाइन करने से पहले मेडिकल फील्ड से जुड़े थे। इन्होंने एमबीबीएस करने के बाद इस फील्ड को बाॅय-बॉय बोल दिया और यूपीएससी की राह चुनी। आइए जानते हैं इनके बारे में डिटेल में।
रोमन सैनी
राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले रोमन सैनी ने महज 18 साल की उम्र में अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर ली थी। इसके बाद ये AIIMS के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर में काम करने लगे थे। रोमन इसके बाद कुछ अलग करना चाहते थे और इसलिए उन्होंने फिर सिविल सेवा की राह चुनी। सैनी ने तैयारी शुरू कर दी। पहले ही प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई। रोमन की जब IAS की ट्रेनिंग खत्म हुई थी, तब उनकी उम्र महज 22 साल थी। फिलहाल उन्होंने इस पद से इस्तीफा देकर अपनी एक कंपनी खड़ी कर ली है।
अर्तिका शुक्ला
यूपी के बनारस शहर से ताल्लुक रखने वाली अर्तिका शुक्ला ने एमबीबीएस पूरी करने के बाद एमडी की पढ़ाई बीच में छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की थी। इन्होंने भी पहले ही प्रयास में यह देश की सबसे मुश्किल परीक्षा पास कर ली थी। अर्तिका के पिता बृजेश शुक्ला पेशे से डॉक्टर हैं। मां लीना शुक्ला हाउस वाइफहैं।
स्नेहा अग्रवाल
डॉ. स्नेहा अग्रवाल ने ने साल 2009 में एम्स, नई दिल्ली से स्नातक होने के बाद साल 2010 में यूपीएससी की सिविल परीक्षा दी थी। इस दौरान उन्होंने एआईआर 305 रैंक हासिल की थी। अपने प्रदर्शन से असंतुष्ट होकर, उन्होंने वर्ष 2011 में दोबारा एग्जाम दिया था। इस बार उन्होंने एआईआर 1 रैंक हासिल की थी।