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Allahabad University : शिक्षक भर्ती पर फिर लगा ग्रहण, 1996 से खाली हैं पद Prayagraj News

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में वर्तमान में विभिन्न संकायों में तकरीबन 327 शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षकों के आधे से अधिक पद खाली पड़े हैं।

By Neel RajputEdited By: Updated: Mon, 06 Jan 2020 11:13 AM (IST)
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Allahabad University : शिक्षक भर्ती पर फिर लगा ग्रहण, 1996 से खाली हैं पद Prayagraj News
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर एक बार फिर ग्रहण लग गया है। प्रोफेसर रतन लाल हांगलू के कुलपति पद से इस्तीफे के बाद माना जा रहा है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में भी अतिथि प्रवक्ता ही खेवनहार होंगे।

कुछ विभागों में भर्ती हुई पर नाकाफी रही

इविवि में वर्तमान में विभिन्न संकायों में तकरीबन 327 शिक्षक कार्यरत हैं। शिक्षकों के आधे से अधिक पद खाली पड़े हैं। कुछ विभागों में जरूर भर्तियां हुईं, लेकिन यह नाकाफी रहीं। खाली पदों को भरने के लिए इविवि प्रशासन की तरफ से तीन बार विज्ञापन जारी किया लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अंतिम बार 23 अप्रैल 2019 को कुल 558 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। असिस्टेंट प्रोफेसर के 336, एसोसिएट प्रोफेसर के 156 और प्रोफेसर के 66 पदों के लिए 22 मई तक आवेदन लिए गए। इंटरव्यू कराने की तैयारी थी कि अनियमितता की शिकायत मिलने पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने भर्ती रोक दी। करीब नौ माह बाद मंत्रलय ने 27 दिसंबर को रोक हटा दी। इसी बीच पहली जनवरी 2020 को कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने पद से इस्तीफा दे दिया। मंत्रलय और राष्ट्रपति से उनके इस्तीफे को मंजूरी भी मिल गई है। 

नया कुलपति मिलने पर ही पूरी होगी प्रक्रिया

शिक्षकों के संकट से गुजर रहे इविवि को अब नए कुलपति का इंतजार है। अनुमान यही है कि स्थायी नया कुलपति मिलने में अभी वक्त लगेगा। कुलपति मिलने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया आसानी से पूरी हो जाएगी, इसमें संदेह है। दरअसल हर बार कोई न कोई नया विवाद खड़ा होता रहा है। अब नए सिरे से विज्ञापन जारी किया जाएगा। साथ ही फिर स्क्रूटनी और साक्षात्कार की प्रक्रिया करानी होगी। इससे वक्त लगना तय है।

मुश्किल बढ़ने के ही आसार

शैक्षणिक सत्र 2020-21 में इविवि में पठन पाठन के लिहाज से मुश्किल और बढ़ने के ही आसार हैं। दरअसल विभिन्न विभागों में बचे तकरीबन 327 शिक्षकों में कई सेवानिवृत्ति के करीब हैं। तकरीबन 11 विभागों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। कई विभाग ऐसे हैं जहां नाम मात्र के ही शिक्षक बचे हैं। विज्ञान संकाय का कुछ ऐसा ही हाल है। रसायन शास्त्र में 42 रिक्त पदों के सापेक्ष आठ शिक्षक बचे हैं। वह भी रिटायरमेंट के करीब हैं। अर्थशास्त्र में 32 पदों के सापेक्ष 20 पद रिक्त हैं। वनस्पति विभाग में 31 के सापेक्ष 21, गणित में 31 के सापेक्ष 20, मध्यकालीन इतिहास विभाग में 31 में 23, अंग्रेजी में 45 में 31, जीव विज्ञान में 30 में 26, प्राचीन इतिहास में 38 में 30 पद खाली पड़े हैं।