Teachers Day 2024: टीचर्स डे पर कविताओं को शामिल कर तैयार करें स्पीच, दमदार लगेगा भाषण
डॉ. राधाकृष्णन एक विद्वान शिक्षक और प्रसिद्ध दार्शनिक भी थे। उनका जन्म 5 सितम्बर 1888 को तिरुत्तनी में हुआ था। इन्हीं की जयंती के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 5 सितंबर को देशभर में शिक्षक दिवस के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस मौके पर स्कूल/ कॉलेजेस में विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम का आयोजन करवाया जाता है जिसके लिए आप स्पीच यहां से तैयार कर सकते हैं।
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। हमारे देश में प्रतिवर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teacher's Day) के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन को भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों सम्मान देने के विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम्स का आयोजन किया जाता है। अगर आप भी इस शिक्षक दिवस पर अपने टीचर्स को सम्मानित करने के लिए स्पीच तैयार करना चाहते हैं तो यह पेज आपके लिए उपयोगी है। आप यहां से कविताओं से सुसज्जित शॉर्ट स्पीच को तैयार कर सकते हैं।
Teacher's Day Speech 2024: शिक्षक दिवस के लिए भाषण
सभागार में उपस्थित सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार, शिक्षक दिवस के इस शुभ अवसर पर मैं यहां उपस्थित प्रिंसिपल, सभी शिक्षकों, अतिथिगण और हमारे भाई- बहनों का आभार व्यक्त करता हूं। जैसा की हम सभी जानते हैं कि हम यहां टीचर्स डे मनाने के लिए उपस्थित हुए हैं। हम सभी जानते हैं कि शिक्षक हमारे जीवन के सूत्रधार हैं, इसलिए शिक्षक को भगवान से ऊपर का दर्जा प्रदान किया गया है। शिक्षक मां के बाद हमारी पहली पाठशाला माने जाते हैं और हमारे अंधेरे जीवन को उजाले की ओर ले जाने का काम करते हैं। वे हमें ज्ञान देने के साथ ही जीवन को जीने की कला सिखाते हैं, भविष्य में आने वाली चुनौतियों से लड़ने की कला सिखाते हैं और बेहतर भविष्य के निर्माण की प्रेरणा देते हैं।
- गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु,
- गुरु देवो महेश्वरा,
- गुरु साक्षात परब्रह्म,
- तस्मै श्री गुरुवे नम:
- गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पाएं,
- बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए।
(Image-freepik)
मैं यहां पर उपस्तिथ सभी भाई और बहनों से निवेदन करना चाहता हूं कि केवल शिक्षक दिवस के दिन ही टीचर्स को विशेष फील न करवाएं बल्कि उनके लिए यही भाव हमेशा रखें क्योंकि शिक्षक ही वो व्यक्ति है जो हमारे जीवन को एक नयी दिशा प्रदान करता है।जैसा कि हम जानते हैं कि जिस प्रकार बिना बादल के बरसात नहीं हो सकती है उसी प्रकार बिना शिक्षक के हमारा जीवन भी अंधकारमय और अधूरा रहेगा। मैं एक बार फिर से अपने सभी गुरुजनों का आभार व्यक्त करते हुए अपनी वाणी को विराम देता हूं, धन्यवाद।
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