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White House: तो क्या सफेद नहीं है व्हाइट हाउस? राष्ट्रपति के दफ्तर को क्यों कहा जाता है ओवल ऑफिस; जानिए पूरी डिटेल

White House History व्हाइट हाउस दुनिया की प्रसिद्ध इमारतों में से एक है। यह बिल्डिंग 55 हजार वर्गफीट में फैली हुई है। आपको बता दें कि इस बिल्डिंग को बनाने के लिए आधारशिला 13 अक्टूबर 1792 को रखी गई थी। पहले इस बिल्डिंग को प्रेसिडेंट हाउस के नाम से जाना जाता था लेकिन अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने 1901 में इसे आधिकारिक रूप से व्हाइट हाउस कर दिया।

By Amit Yadav Edited By: Amit Yadav Updated: Tue, 05 Nov 2024 11:16 PM (IST)
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White House: यहां से जानें प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक इमारत व्हाइट हाउस का इतिहास। (file photo)
एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। अमेरिका के वाइट हाउस को जल्द ही नया राष्ट्रपति मिल जाएगा।  डेमोक्रेटिक कैंडिडेट कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप में कांटे की टक्कर चल रही है। वाइट हाउस सन 1800 से यहां के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास रहा है। आइए जानते हैं व्हाइट हाउस की रोचक कहानी के बारे में...

हम सभी को कुछ नया जानने की इच्छा रहती है और अगर हम किसी ऐसी ऐतिहासिक चीज को देख लें तो उसके बारे में हमारी उत्सुकता चरम पर पहुंच जाती है। आज हम यहां एक ऐसी ही ऐतिहासिक बिल्डिंग "व्हाइट हाउस" के बारे में बात करेंगे जिसकी जानकारी आपकी आपके ज्ञान में बढ़ोत्तरी करने के साथ ही परीक्षा के तैयारियों के लिहाज से भी बेहतर साबित होगी।

232 साल पहले व्हाइट हाउस की रखी गई थी नींव

व्हाइट हाउस का इतिहास बेहद ही रोचक है। इस इमारत को बनाने के लिए 13 अक्टूबर 1792 को आधारशिला रखी गई। इसके बाद दुनियाभर में प्रसिद्ध इस इमारत को बनने में 8 साल का समय लग गया। इस बिल्डिंग को आयरलैंड के आर्किटेक्ट जेम्स होबन ने डिजाइन किया था। इमारत के निर्माण के बाद इसको "प्रेजिडेंट हाउस" नाम दिया गया।

कैसे पड़ा व्हाइट हाउस नाम

इस इमारत के लिए वैसे तो व्हाइट हाउस शब्द का प्रयोग पहली बार 1811 में किया गया था। लेकिन ऐसा भी माना जाता है कि ब्रिटिशर्स ने 1812 में अमेरिका पर हमला किया था। हमले के दौरान ब्रिटिश सेना ने 24 अगस्त 1814 को इस इमारत को बर्बाद करने के लिए आग लगा दी थी और इसे अपने कब्जे में ले लिया। इससे इस बिल्डिंग को बहुत नुकसान पहुंचा। हालांकि अमेरिकी सेना ने ब्रिटिश सैनिकों को 25 अगस्त 1814 को वहां से खदेड़ दिया और इसे अपने कब्जे में फिर से ले लिया।

1915 में पुनः शुरू हुआ पुनर्निर्माण

1914 में बिल्डिंग पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी थी लेकिन इसे दोबारा से बनाने का निर्णय लिया गया। एक बार फिर से एक मूल आर्किटेक्ट जेम्स होबन की मदद ली गई। उन्होंने इसके मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ न करके और कुछ संशोधन के साथ इसे फिर से बनाया गया।

बिल्डिंग को आकर्षक बनाने के लिए इसे पूरी तरह से सफेद रंग से रंग दिया गया जिसके बाद इसको व्हाइट हाउस के नाम से ही जाना जाने लगा। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह पहले हल्के गुलाबी रंग की बिल्डिंग थी। व्हाइट हाउस को आधिकारिक नाम वर्ष 1901 में अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने दिया जिसके बाद इसको दुनियाभर में इसी नाम से जाना जाने लगा।

ओवल ऑफिस की कहानी

मुख्य भवन के कुछ हिस्से जनता के लिए खोले जाते हैं। पश्चिमी छत पर प्रेस ब्रीफिंग रूम है, और पूर्वी छत पर मूवी थियेटर है। राष्ट्रपति कार्यालय, जिसे ओवल ऑफिस के नाम से जाना जाता है, पश्चिमी विंग में स्थित है, साथ ही कैबिनेट और प्रेस रूम भी हैं; पूर्वी विंग में अन्य कार्यालय हैं।

ओवल ऑफिस 1909 से प्राथमिक राष्ट्रपति कार्यक्षेत्र रहा है, जब राष्ट्रपति विलियम हावर्ड टैफ्ट ने ओवल ऑफिस के पहले संस्करण में काम किया था। वेस्ट विंग के विस्तार से पहले राष्ट्रपति व्हाइट हाउस में कहीं और काम करते थे।

55 हजार वर्गफीट में बनकर हुआ तैयार

यह इमारत 55 हजार वर्गफीट में फैली हुई है। बिल्डिंग कुल 6 मंजिल की है जिसमें कुल 132 कमरे बने हुए हैं। इमारत के अंदर ही थिएटर, जकूजी, टेनिस कोर्ट, पूल सहित अन्य बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस इमारत की कुल कीमत 3300 करोड़ रुपये आंकी गई है।

(file photo)

रंगने के लिए लगता है 570 गैलन पेंट

व्हाइट हाउस बिल्डिंग को एक बार पेंट करने में 570 गैलन पेंट लग जाती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 1994 में इसे एक बार रंगने के कुल 72 लाख रुपये का खर्च आया था।

21 दिन पहले आवेदन करके निशुल्क कर सकते हैं टूर

पर्यटकों के लिए इस बिल्डिंग का निशुल्क टूर करवाया जाता है। हालांकि इसके लिए आपको टूर से 21 दिन पहले ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करना पड़ता है।

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