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सही कौशल, ज्ञान और सोच के साथ SPJIMR में PGPDM के ये हीरोज सामाजिक बदलाव के प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं

अगर आप समाज के गरीब और वंचितों के प्रति संवेदनशील हैं उनकी समस्याओं को सुनते हैं और समाधान के लिए काम करना चाहते हैं तो SPJIMR द्वार चलाये जाने वाले PGPDM की मदद से आप इस क्षेत्र में प्रोफेशनल तौर पर आगे बढ़ सकते हैं। यहां कम आय वाले योग्य उम्मीदवारों के लिए सीमित स्कॉलरशिप उपलब्ध हैं। अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।

By Nandini Dubey Edited By: Nandini Dubey Updated: Fri, 25 Oct 2024 05:41 PM (IST)
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सतेन्द्र सिंह लिल्हारे, ''बस्तर से बाजार तक' संस्था के को-फाउंडर और सीईओ हैं।
सामाजिक बदलाव के लिए हर वर्ग के प्रति समर्पण जरूरी है, क्योंकि कोई भी समाज तब तक पूरी तरह से विकसित नहीं हो सकता, जब तक कि हर तबका एक समान रूप से प्रगति न करे। ऐसे में हमारे बीच ऐसे नायकों की आवश्यकता है, जो गरीब परिवारों की बुनियादी जरूरतें पूरी करने से लेकर, उनके बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं दिलाने, कौशल विकास को बढ़ावा देने, महिलाओं, आदिवासियों और दलितों के सशक्तिकरण के लिए काम करने, मानव तस्करी रोकने, पर्यावरण को संरक्षित करने, और श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष जैसे मुद्दों पर सक्रिय रूप से काम करें।

आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही रियल लाइफ हीरोज के बारे में:

छत्तीसगढ़ के दूर-दराज इलाके से आने वाले सतेन्द्र सिंह लिल्हारे, ''बस्तर से बाजार तक' संस्था के को-फाउंडर और सीईओ हैं। उनकी संस्था आदिवासी किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए काम करती है। आदिवासी किसानों की फसलों का बाजार तक न पहुंचना एक बड़ी समस्या थी, जिसका समाधान बस्तर से बाजार तक ने निकाला। उनकी इस पहल ने हजारों आदिवासी किसानों के जीवन को बदल दिया है। सतेन्द्र की इस पहल को Tata Social Enterprise Challenge (2020-21) में भी मान्यता मिली है। इसी तरह, 'पूर्णता' संस्था के फाउंडर आबू वर्गीज ने मानव तस्करी को रोकने में अहम भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में बच्चों की तस्करी को रोकने के साथ-साथ सामुदायिक जागरूकता भी फैलाई गई है।

मुंबई के एक चॉल में पले-बढ़े भूषण कांबले ने अपनी संस्था 'Vhaan'  के माध्यम से लुप्त होती पारंपरिक लेदर क्राफ्ट को पुनर्जीवित किया है। उन्होंने महाराष्ट्र के गांवों में बने लेदर हैंडक्राफ्ट उत्पादों को शहरों तक पहुंचाकर इस कला और कारीगरों को सम्मान दिलाया है।

इन रियल लाइफ हीरोज की कहानियों में कुछ बातें समान हैं: समाज को गंभीर समस्याओं से उबारने का जुनून और S.P. Jain Institute of Management and Research (SPJIMR) से मैनेजमेंट और लीडरशिप के लिए Post Graduate Programme in Development Management (PGPDM) का पाठ्यक्रम। यह कोर्स उन्हें सही कौशल, ज्ञान और सोच प्रदान करता है, जिससे वे अपने मिशन में सफल हो रहे हैं।

2011 में शुरू हुए SPJIMR के PGPDM से अब तक 22 बैच ग्रेजुएट हो चुके हैं, और 25वां बैच फरवरी

2025 में शुरू होने जा रहा है। इस कोर्स में मैनेजमेंट और डेवलपमेंट की थ्योरी और प्रैक्टिकल नॉलेज शामिल है, जो सामाजिक बदलाव के लिए आवश्यक है।

सामाजिक बदलाव लाने के लिए संवेदनशीलता बहुत जरूरी है। अक्सर NGO और CSR से वही लोग जुड़ते हैं या अपनी संस्था खोलते हैं, जो सच में समाज में बदलाव लाने की चाह रखते हैं। ये डॉक्टर, टीचर, वकील, सरकारी अधिकारी या कॉरपोरेट सेक्टर के कर्मचारी कोई भी हो सकते हैं। अगर आप भी इस क्षेत्र में अपनी क्षमता को निखारना चाहते हैं और लीडरशिप की भूमिका निभाना चाहते हैं, तो PGPDM प्रोग्राम आपके लिए है। यह एक साल का मॉड्यूलर प्रोग्राम है, जिसे आप नौकरी के साथ भी कर सकते हैं।

इस कोर्स के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री और सामाजिक क्षेत्र में कम से कम दो साल का अनुभव होना चाहिए। साथ ही, कंप्यूटर की बेसिक जानकारी और अंग्रेजी भाषा की समझ भी जरूरी है।

अगर आप समाज के गरीब और वंचितों के प्रति संवेदनशील हैं, उनकी समस्याओं को सुनते हैं और समाधान के लिए काम करना चाहते हैं, तो SPJIMR द्वार चलाये जाने वाले PGPDM की मदद से आप इस क्षेत्र में प्रोफेशनल तौर पर आगे बढ़ सकते हैं। यहां कम आय वाले योग्य उम्मीदवारों के लिए सीमित स्कॉलरशिप उपलब्ध हैं।

अधिक जानकारी के लिए विजिट करें -

https://www.spjimr.org/course/post-graduate-programme-in-development-management-

pgpdm/

Note:- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।