यूजीसी ने मेडिकल सहित 16 विषयों के आनलाइन कोर्स में दाखिला न लेने की दी सलाह
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने छात्रों को सतर्क करते हुए इंजीनियरिंग मेडिकल फार्मेसी नर्सिंग एग्रीकल्चरल जैसे करीब 16 विषयों के ऑनलाइन कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए मना किया है। इसके साथ ही यूजीसी ने आनलाइन दाखिला लेने के अयोग्य संस्थानों की जारी की सूची की है जिसमें नर्सी मोंजी इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट स्टडीज पेरियार और श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय शामिल हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले की दौड़ शुरू होते ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों और अभिभावकों को आनलाइन या ओपन माध्यम से संचालित कोर्सों को लेकर सतर्क किया है। खासकर इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग, एग्रीकल्चरल जैसे करीब 16 विषयों से जुड़े आनलाइन कोर्सों में भूलकर भी दाखिला न लेने की सलाह दी है।
इसके साथ ही यूजीसी ने बताया है कि इन विषयों के आनलाइन और ओपन माध्यम से किसी भी तरह के कोर्स को शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई है। यूजीसी ने इसके साथ ही छात्रों को दूसरे विषयों से जुड़े आनलाइन या ओपन कोर्सों को भी सतर्क किया है। जिसमें छात्रों को जांच- परख कर ही दाखिला लेने को कहा है।
आयोग ने संस्थानों की सूची भी वेबसाइट पर की है अपलोड
आयोग ने इस दौरान छात्रों की सुविधा के लिए आनलाइन कोर्सों को संचालित करने वाले मान्य उच्च शिक्षण संस्थानों की एक सूची भी वेबसाइट पर अपलोड की है। जिसमें संस्थानों के मान्य आनलाइन कोर्सों को पूरा ब्यौरा दिया गया है। आयोग के इसके साथ नर्सी मोंजी इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट इस्टीट्यूट (एनएमआइएमएस) महाराष्ट्र, श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय आंध्र प्रदेश व पेरियार विश्वविद्यालय में संचालित आनलाइन कोर्सों पर रोक लगाते हुए उसमें दाखिला न लेने की सलाह दी है।आयोग ने इस बीच छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में जिन 16 विषयों से जुड़े आनलाइन कोर्सों में दाखिला न लेने को कहा है, उनमें इंजीनियरिंग, मेडिकल, फिजियोथेरेपी, अकुपेशनल थैरेपी, फार्मेसी, नर्सिंग, डेंटल, एग्रीकल्चर, कानून, आर्किटेक्चर, हार्टीकल्चर, होटल मैनेजमेंट, क्यूलनेरी साइंस, केटरिंग टेक्नोलॉजी, एयरक्राफ्ट मेंटीनेंस, विजुअल आर्ट व स्पोर्ट और एविएशन शामिल है। आयोग ने यह कदम छात्रों को फर्जी तरीके से संचालित हो रहे आनलाइन या ओपन कोर्सों के जाल से बचाने के लिए उठाया है, जो दाखिले का सीजन शुरू होते ही सक्रिय हो जाते है और छात्रों को ठग लेते है। इससे छात्रों का न सिर्फ करियर खराब हो जाता है, साथ ही उन्हें आर्थिक रूप से काफी नुकसान उठाना पड़ता है।