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अब यूजीसी नेट से होगा पीएचडी में भी दाखिला, नए सत्र से होगी शुरुआत

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) जून सेशन से यूजीसी नेट (नेशनल एलिजबिलिटी टेस्ट) के जरिए पीएचडी में भी दाखिला प्रदान करेगा। यूजीसी की विशेषज्ञ कमेटी ने भी 13 मार्च को इसकी सिफारिश की थी जिसके बाद अब इसे जून से लागू करने की घोषणा की गयी है। यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने मुताबिक यह फैसला छात्रहित को देखते हुए लिया गया है।

By Amit Yadav Edited By: Amit Yadav Updated: Thu, 28 Mar 2024 09:09 PM (IST)
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PhD Admission: जून सेशन से यूजीसी नेट से होगा पीएचडी में प्रवेश।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पीएचडी में दाखिले की तैयारी में जुटे छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उन्हें पीएचडी में दाखिले लिए अब अलग-अलग विश्वविद्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे बल्कि अब उन्हें यूजीसी नेट (नेशनल एलिजबिलिटी टेस्ट) के जरिए पीएचडी में भी दाखिला मिलेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शोध से जुड़ी गतिविधियों को एक प्लेटफार्म पर लाने की पहल के तहत यूजीसी-नेट के जरिए पीएचडी में दाखिला देने का फैसला लिया है। साथ ही इसे लेकर नोटीफिकेशन जारी कर दिया है। जो शैक्षणिक सत्र 2024-25 से देश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रभावी होगा।

जून से होगी शुरुआत

यूजीसी-नेट की जून में होने वाली परीक्षा से इसकी शुरूआत होगी। यूजीसी के मुताबिक नई व्यवस्था के तहत यूजीसी- नेट की परीक्षा का परिणाम अब तीन कैटेगरी में घोषित किया जाएगा। पहली कैटेगरी जेआरएफ (जूनियर रिसर्च फेलोशिप) के साथ पीएचडी में दाखिले व सहायक प्राध्यापक के लिए योग्य छात्रों की होगी। दूसरी कैटेगरी पीएचडी में दाखिले के साथ ही सहायक प्राध्यापक के लिए पात्र छात्रों की होगी, वहीं तीसरी कैटेगरी उन छात्रों की होगी,जो सिर्फ पीएचडी में दाखिला लेने वाले छात्रों की होगी।

मौजूदा समय में यूजीसी नेट का परिणाम अभी सिर्फ दो कैटेगरी में ही घोषित होता है। यह परीक्षा मौजूदा समय में साल में दो बार (जून और दिसंबर में) आयोजित की जाती है। इसके आयोजन का जिम्मा एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के पास है। जो यूजीसी के मानकों के आधार पर परिमाण घोषित करती है।

छात्रों के हितों को देखते हुए लिया गया फैसला

यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने मुताबिक पीएचडी में दाखिले को लेकर यह पूरा फैसला छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। यूजीसी की विशेषज्ञ कमेटी ने भी 13 मार्च को इसकी सिफारिश की थी। अभी छात्रों को पीएचडी में दाखिले के लिए अलग- अलग विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षाएं देनी पड़ती है। इससे न सिर्फ छात्रों को वित्तीय भार पड़ता है, बल्कि वह हर समय में किसी न किसी परीक्षा के दबाव में रहते है। साथ ही छात्रों को पीएचडी में दाखिले के साल में दो मौके मिलेंगे। उन्होंने बताया कि सभी विश्वविद्यालयों को यूजीसी- नेट के स्कोर से पीएचडी में दाखिला लेने के निर्देश दिए गए है। इससे विश्वविद्यालयों को भी फायदा होगा। उन्हें इसके लिए अलग प्रवेश परीक्षा नहीं करानी होगी।

इन मानकों के आधार पर पीएचडी में मिलेगा दाखिला

यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को यूजीसी-नेट के स्कोर से पीएचडी में दाखिला देने के निर्देश के साथ ही इसको लेकर एक मानक भी तय किया है। जिसमें कैटेगरी दो और तीन में पात्र छात्रों को पीएचडी में दाखिले के लिए निर्धारित पात्रता में 70 फीसद वेजेट यूजीसी नेट के स्कोर का होगा, जबकि 30 फीसद वेटेज विश्वविद्यालयों द्वारा दाखिले के दौरान लिए जाने वाले इंटरव्यू का होगा।

किस कैटेगरी के छात्र किसके लिए होंगे पात्र

  • कैटेगरी-1: जेआरएफ, सहायक प्राध्यापक, पीएचडी
  • कैटेगरी-2: सहायक प्राध्यापक, पीएचडी
  • कैटेगरी-3: पीएचडी (नोट-कैटेगरी का निर्धारण यूजीसी नेट के स्कोर के आधार पर होगा)
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