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UGC: विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में शिक्षकों के खाली पदों को लेकर यूजीसी सख्त, मांगी जानकारी

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने देश भर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कालेजों के प्राचार्यों को पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों में स्वीकृत पद और रिक्त पदों को ब्यौरा मांगा है ताकि रिक्त पदों पर शिक्षकों के खाली पदों को भरा जा सके। यूजीसी ने यह कदम केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लंबे समय से खाली पड़े करीब सात हजार पदों को भरने में मिली सफलता के बाद उठाया है।

By Amit Yadav Edited By: Amit Yadav Updated: Wed, 17 Jul 2024 07:30 PM (IST)
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UGC: यूजीसी ने विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों से शिक्षकों के खाली पदों और स्वीकृत पदों का मांगा विवरण।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर के विश्वविद्यालयों और कालेजों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने को लेकर सख्ती दिखाई है। साथ ही सभी से पूछा है कि वह बताए खाली पदों को भरने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए है। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों से 31 जुलाई तक शिक्षकों के स्वीकृत और खाली पदों दोनों का ही ब्यौरा भी देने को कहा है।

यूजीसी ने यह कदम केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के लंबे समय से खाली पड़े करीब सात हजार पदों को भरने में मिली सफलता के बाद उठाया है। जिसमें कुछ ही महीनों में मिशन मोड में 80 प्रतिशत से अधिक पदों को भरने का काम किया गया था। ऐसे में यूजीसी ने अब राज्य विश्वविद्यालयों, मानद विश्वविद्यालयों और कालेजों में शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए अभियान छेड़ा है।

विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कालेजों के प्राचार्यों को लिखा पत्र

इसके तहत यूजीसी ने देश भर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और कालेजों के प्राचार्यों को पत्र लिखा है और पूछा है कि वह बताए उनके संस्थान में शिक्षकों के मौजूदा समय में कितने स्वीकृत पद है और उनमें से कितने खाली है। यह ब्योरा आरक्षित सीटों के हिसाब से देने को कहा है। साथ ही यह भी पूछा है कि इन्हें भरने के लिए क्या कदम उनकी ओर से उठाए गए है। स्कूली शिक्षा की तरह उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को मजूबती देने के साथ ही उच्च शिक्षा के नामांकन अनुपात यानी जीईआर (ग्रास इनरोल्डमेंट रेशियो) को 50 प्रतिशत तक पहुंचाने के लक्ष्य में जुटे शिक्षा मंत्रालय का भी मानना है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए संस्थानों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना होगा।

वैसे भी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत वर्ष 2035 तक उच्च शिक्षा के जीईआर को पचास प्रतिशत करने का लक्ष्य है। सूत्रों की मानें तो कई राज्यों के विश्वविद्यालयों व कालेजों में मौजूदा समय में शिक्षकों के बड़ी संख्या में पद खाली है। फिलहाल यूजीसी की इस पहल के बाद अब शिक्षकों के खाली पदों का सही जानकारी सामने आ जाएगी।

गौरतलब है कि मौजूदा समय में देश में 11 सौ से अधिक विश्वविद्यालय और करीब 40 हजार कालेज है। इनमें से करीब 50 केंद्रीय विश्वविद्यालय भी है। जहां नया शैक्षणिक सत्र वैसे तो एक अगस्त से शुरू होना प्रस्तावित है। यह बात अलग है कि प्रवेश प्रक्रिया में देरी के चलते इसके शुरू होने में करीब महीने भर की देरी हो सकती है।

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