उच्च शिक्षण संस्थानों में यूजीसी चलाएगा लीडरशिप प्रोग्राम
यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों के विकास के लिए लीडरशिप प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी में है। यह पहल ऐसे समय में शुरू की जा रही है जब देश में 2035 तक उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को पचास प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। मौजूदा समय में देश में उच्चशिक्षा का जीईआर करीब 27 प्रतिशत है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आने वाले दिनों में उच्च शिक्षण संस्थान अपने यहां ज्यादा से ज्यादा छात्रों को कैसे उच्च शिक्षा से जोड़ा जा सके, वह अपनी खूबियों की छाप को कैसे वह दुनिया भर में छोड़ सके, इसे लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी ) इसे लेकर देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में एक लीडरशिप प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी में है। जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों को न सिर्फ क्षमता निर्माण के लिए मदद की जाएगी बल्कि उनके शोध व शैक्षिक गतिविधियों को पूरी दुनिया तक भी पहुंचाया जाएगा।
2035 तक उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात 50% तक पहुंचाने का लक्ष्य
यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों के विकास के लिए यह अहम पहल ऐसे समय शुरू की है, जब देश में 2035 तक उच्च शिक्षा के सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को पचास प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। मौजूदा समय में देश में उच्चशिक्षा का जीईआर करीब 27 प्रतिशत है। ऐसे में अगले दस सालों में उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने जीईआर को दोगुना करना होगा। यह तभी संभव हो सकता है, जब संस्थानों के पास मौजूदा क्षमता में भी दोगुने की बढ़ोत्तरी हो।
यही वजह है कि यूजीसी ने लीडरशिप प्रोग्राम के तहत देश भर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में क्षमता निर्माण पर मुख्य फोकस किया है। जिसमें नए क्लास रूम सहित दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर को जुटाना शामिल है। इसके साथ ही शिक्षक क्षमता को भी विकास देने जैसे कार्यक्रम भी चलाएंगे जाएंगे। आयोग ने इसके साथ ही संस्थानों में शोध और इनोवेशन को गति देने पर जोर दिया है। वहीं शीर्ष संस्थानों से आस पास के कमजोर संस्थानों की सहयोग देने का भी प्रस्ताव किया है। जिसमें कमजोर संस्थानों के लिए अपनी लैब व इनोवेशन सेंटर को खोलने जैसी पहल शामिल है।
यूजीसी ने इस दौरान सभी संस्थानों से मिलजुलकर काम करने पर भी जोर दिया है। यूजीसी के मुताबिक देश में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खुलने के बाद भारतीय संस्थानों के साथ इनकी प्रतिस्पर्धा और कड़ी हो जाएगी। ऐसे में जरूरी है कि भारतीय संस्थान भी खुद को विश्वस्तरीय स्तर के मुताबिक तैयार करने की दिशा में काम करें। गौरतलब है कि देश में मौजूदा समय में आस्ट्रेलिया के तीन और इंग्लैंड के एक विश्वविद्यालयों ने अपना कैंपस खोलने की ऐलान किया है। इनमें आस्ट्रेलिया के दो विश्वविद्यालयों ने गुजरात के गिफ्ट सिटी में अपना कैंपस शुरू भी कर दिया है।