UPSC Success Story: दृष्टिबाधित होने के बावजूद सम्यक ने UPSC CSE में हासिल की 7वीं रैंक, पढ़ें रोचक जर्नी
UPSC Success Story सम्यक जैन जिन्होंने दृष्टिबाधित होने के बाद भी यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन में शीर्ष-10 में अपनी जगह बनाई। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में ऑल इंडिया रैंक-7 प्राप्त कर अपने व अपने परिवार का नाम रोशन किया। उन्होंने इस परीक्षा में अपने दूसरे ही अटेम्प्ट में न केवल सफलता प्राप्त की बल्कि टॉपर्स में भी अपनी जगह बनाई।
By Amit YadavEdited By: Amit YadavUpdated: Wed, 19 Jul 2023 05:58 PM (IST)
UPSC Success Story: "मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है" को हम सबने कभी न कभी पढ़ा या सुना ही होगा, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने सच में बिना पंखों के आसमान में ऊंची उड़ान भरी है। ऐसी ही एक कहानी है यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के एक ऐसे अभ्यर्थी की जिन्होंने दृष्टिबाधित होने के वाबजूद UPSC IAS 2021 में देशभर में अच्छे खासे अभ्यर्थियों को पछाड़ते हुए 7वीं रैंक हासिल करते हुए शीर्ष-10 में अपनी जगह बनाई। उन्होंने इस परीक्षा में केवल दूसरे अटेम्प्ट में ही सफलता प्राप्त कर अपना व अपने परिवार का नाम देशभर में रोशन किया।
UPSC Success Story: कौन हैं सम्यक जैन
सम्यक जैन मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले हैं। सम्यक के माता-पिता दोनों ही लोग एयर इंडिया में कार्यरत हैं वहीं उनकी बहन पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए अमेरिका चली गयीं। सम्यक की शुरुआती शिक्षा मुंबई से पूरी हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी से बीए (ऑनर्स) किया। स्नातक करने के बाद सम्यक ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) से अंग्रेजी पत्रकारिता में पोस्ट-ग्रेजुएशन डिप्लोमा किया। इसके साथ ही उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।
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UPSC Success Story: 20 वर्ष की आयु में स्नातक के दौरान खो दी आंखों की रोशनी
सम्यक शुरुआती दिनों में पूरी तरह से स्वस्थ थे। 20 वर्ष की आयु के दौरान उनकी आंखों में मैकुलर डिजनरेशन बीमारी के चलते रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगी। इस बीमारी का ईलाज न होने के कारण उनकी आंखों की रोशनी धीरे-धीरे खत्म हो गयी।
UPSC Success Story: मां और दोस्तों ने दिया साथ
दृष्टिबाधित होने के चलते वे अपनी कॉपी खुद नहीं लिख सकते थे, ऐसे में ग्रेजुएशन लेकर यूपीएससी प्रीलिम तक उनकी मां ने उनकी कापियां लिखीं। यूपीएससी मेंस एग्जाम के दौरान उनकी एक दोस्त ने कॉपी लिखने का काम किया। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपनी माता-पिता और अपने दोस्तों को दिया जिन्होंने इस जंग में कदम से कदम मिलाकर उनका साथ दिया।अमेरिका जाने से कर दिया मना
सम्यक की बहन परास्नातक के लिए अमेरिका चली गयी थीं इसलिए उनके पिता ने उन्हें भी अमेरिका जाने का सजेशन दिया। लेकिन उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने ठीक होने के दौरान ऐसा महसूस किया कि देश में अभी बहुत कुछ करना है और लोगों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की जरूरत है। इसी के चलते उन्होंने अमेरिका जाने से मन कर दिया और देश सेवा करने निर्णय लिया।
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