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Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता क्या है? जानें एक देश एक कानून UCC के फायदे क्या हैं?

What is Uniform Civil Code (UCC)? समान नागरिक संहिता दरअसल एक देश एक कानून की अवधारणा पर आधारित है। यूसीसी के अंतर्गत देश के सभी धर्मों पंथों और समुदायों के लोगों के लिए एक ही कानून की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

By Rishi SonwalEdited By: Rishi SonwalUpdated: Mon, 19 Jun 2023 02:27 PM (IST)
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What is Uniform Civil Code (UCC)? मुस्लिमों को छोड़कर अन्य सभी धर्मों के लिए हिंदू मैरिज एक्ट 1956 लागू है।
What is Uniform Civil Code (UCC)? भारत के विधि आयोग (Law Commission of India, LCI) ने देश के तमाम धार्मिक संगठनों से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लेकर सुझाव 30 दिनों के अंदर आमंत्रित किए हैं। आयोग द्वारा जारी आधिकारिक ईमेल आइडी membersecretary-lci@gov.in पर धार्मिक संगठन या व्यक्ति अपने सुझाव भेजे जा सकते हैं। एलसीआइ सुझाव देने वाले संगठन या व्यक्ति से विस्तार के चर्चा के लिए आमंत्रित भी कर सकता है। विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता को लेकर सुझाव आमंत्रित किए जाने के बाद इस पर बहस एक बार फिर से शुरू हो गई है। आइए समझते हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?

What is Uniform Civil Code (UCC)? क्या है समान नागरिक संहिता?

समान नागरिक संहिता दरअसल एक देश एक कानून की विचारधार पर आधारित है। यूसीसी के अंतर्गत देश के सभी धर्मों और समुदायों के लिए एक ही कानून लागू किए जाना है। समान नागरिक संहिता यानि यूनिफॉर्म सिविल कोड में संपत्ति के अधिग्रहण और संचालन, विवाह, तलाक और गोद लेना आदि को लेकर सभी के लिए एकसमान कानून बनाया जाना है।

Why Uniform Civil Code (UCC)? क्यों आवश्यकता पड़ी समान नागरिक संहिता की?

भारतीय संविधान के मुताबिक भारत एक धर्म-निरपेक्ष देश है, जिसमें सभी धर्मों व संप्रदायों (जैसे - हिंदू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, आदि) को मानने वालों को अपने-अपने धर्म से सम्बन्धित कानून बनाने का अधिकार है।  इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शत्रुघ्न सोनवाल के अनुसार, “भारत में दो प्रकार के पर्सनल लॉ हैं। पहला है हिंदू मैरिज एक्ट 1956; जो कि हिंदू, सिख, जैन व अन्य संप्रदायों पर लागू होता है। दूसरा, मुस्लिम धर्म को मानने वालों के लिए लागू होने वाला मुस्लिम पर्सनल लॉ। ऐसे में जबकि मुस्लिमों को छोड़कर अन्य सभी धर्मों व संप्रदायों के लिए भारतीय संविधान के प्रावधानों के तहत बनाया गया हिंदू मैरिज एक्ट 1956 लागू है तो मुस्लिम धर्म के लिए भी समान कानून लागू होने की बात की जा रही है।”

Uniform Civil Code (UCC): किन-किन देशों में है समान नागरिक संहिता?

समान नागरिक संहिता का पालन कई देशों में होता है। इन देशों में पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया, तुर्किये, इंडोनेशिया, सूडान, मिस्र, अमेरिका, आयरलैंड, आदि शामिल हैं। इन सभी देशों में सभी धर्मों के लिए एकसमान कानून है और किसी धर्म या समुदाय विशेष के लिए अलग कानून नहीं हैं। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

यूसीसी के अंतर्गत देश के सभी धर्मों, पंथों और समुदायों के लोगों के लिए एक ही कानून की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

मुस्लिमों को छोड़कर अन्य सभी धर्मों व संप्रदायों के लिए हिंदू मैरिज एक्ट 1956 लागू है। मुस्लिम धर्म के लिए भी समान कानून लागू होने से मुस्लिम महिलाओं व बच्चों के जीवन उत्थान में काफी मदद मिलेगी।

समान नागरिक संहिता का पालन कई देशों में होता है। इन देशों में पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया, तुर्किये, इंडोनेशिया, सूडान, मिस्र, अमेरिका, आयरलैंड, आदि शामिल हैं।