दुनिया की पहली इलेक्ट्रिक वॉशिंग मशीन थोर थी, आज ही के दिन मशीन को पेटेंट मिला था
दुनिया की पहली इलेक्ट्रिक वॉशिंग मशीन थोर मानी जाती है। इसका अविष्कार अल्वा जे. फिशर ने 1907 में किया गया था। इसने सभी हाथ से धोने वाली मशीनों को पीछे छोड़ दिया था। थोर को आज ही के दिन पेटेंट मिला था। मशीन के बारे में विस्तार से यहां पढ़ें।

एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली: आज वॉशिंग मशीन हर घर में एक महत्वपूर्ण सामान के रूप में जानी जाती है। इसने कपड़े धोने के काम को बेहद ही आसान कर दिया है। जहां पहले लोगों को कपड़े धोने में घंटों का समय बर्बाद करना पड़ता था, वहीं इलेक्ट्रिक वॉशिंग मशीन की मदद से इस काम को बगैर किसी थकावट के मिनटों में पूरा किया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में वॉशिंग मशीन का आविष्कार कब हुआ था, और पहली इलेक्ट्रिक वॉशिंग मशीन कैसी दिखाई देती थी। दुनिया की पहली इलेक्ट्रिक वॉशिंग मशीन की शुरुआत 1907 से मानी जाती है, जिसका आविष्कार अमेरिका के अल्वा जे फिशर ने की थी। हालांकि उसके बाद बहुत सारी इलेक्ट्रिक वॉशिंग मशीनों का आविष्कार किया गया और समय के साथ-साथ नई प्रौद्योगिकी की मदद से इसे अपग्रेड भी किया गया।
दुनिया की पहली वॉशिंग मशीन
थोर वॉशिंग मशीन शिकागो की हर्ले इलेक्ट्रिक लॉन्ड्री इक्विपमेंट कंपनी द्वारा बनाई गई थी, जिसका आविष्कार अल्वा जे. फिशर ने 1907 में किया गया था। थोर वॉशिंग मशीन दुनिया की पहली इलेक्ट्रिक वॉशिंग मशीन मानी जाती है। इस मशीन को साल 1908 में बाजार में व्यावसायिक रूप से बेचा गया था। साथ ही इस मशीन को आज ही के दिन 09 अगस्त, 1910 में तीन साल बाद पेटेंट मिला था।
मशीन की खासियत
इस मशीन में एक छेद वाला पानी से भरा बड़ा ड्रम था। जब यह ड्रम घूमता था, तो इसमें लगा ब्लेड कपड़ों को ऊपर नीचे उठाता था। इस तरह यह कपड़ों को सही से धोने के लिए एक दिशा में आठ बार कपड़ों को घुमाता था। इसके बाद कपड़ों को इकट्टा होने से रोकने के लिए यह अपनी गति उल्टी कर देती थी। इसमें एक क्लच भी लगा हुआ था, जो मशीन की दिशा बदलने में मदद करता था।
हाथ से धोने वाली मशीन को पीछे छोड़ा
अल्वा जे. फिशर द्वारा बनाई गई थोर मशीन ने उस दौर में हाथ से चलने वाली सभी मशीनों को पीछे छोड़ दिया था। थोर वॉशिंग मशीन ने कपड़े धोने के काम को बेहद ही आसान और सुविधाजनक बना दिया था।
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