Project Cheetah: दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते भारत के लिए रवाना, सी-17 विमान से आज पहुंचेंगे कूनो नेशनल पार्क
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि हमारे पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया जा रहा है। ये चीते आज भारत पहुंच जाएंगे File Photo
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 18 Feb 2023 05:13 AM (IST)
नई दिल्ली, एएनआई। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि हमारे पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया जा रहा है। ये चीते आज भारत पहुंच जाएंगे। भारतीय वायु सेना के गैलेक्सी ग्लोबमास्टर सी17 पर 12 चीतों को बीते दिन लादकर देश लाया जा रहा है। विमान के आज सुबह करीब 10 बजे मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचने की उम्मीद है।
भारत के लिए रवाना हुआ विमान
भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर मालवाहक विमान दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर आ रहा है। ये सभी चीते आज भारत पहुंचेंगे। 12 चीतों में से सात नर और पांच मादा हैं। चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा जाएगा। इससे पहले भारत में चीतों की समुचित संख्या सुनिश्चित करने में सहयोग देने के लिए दक्षिण अफ्रीका ने भारत के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे।
वन्य जीवन के इतिहास में एक नए युग की शुरूआत
बता दें कि इससे पहले, नामीबिया से आठ चीतों को लाया गया था जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को अपने जन्मदिन के अवसर पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। बता दें कि 1952 में भारत सरकार ने चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया था। 71 वर्षों बाद चीतों को मोदी सरकार की पलक से बसाया जाना देश के वन्य जीवन के इतिहास में एक नए युग की शुरूआत है।#WATCH | 12 Cheetahs loaded onto the Galaxy Globemaster C17 of Indian Air Force. The aircraft is expected to reach Madhya Pradesh's Gwalior at around 10 am today.
(Video source: South African Department of Forestry, Fisheries and Environment's Twitter handle) pic.twitter.com/jGE4IoD3hi
— ANI (@ANI) February 17, 2023
भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना प्रोजेक्ट चीता के तहत वन्य प्रजातियों विशेषकर चीतों के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में सहयोग देने के लिए अंतरराष्ट्रीय यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) के दिशा-निर्देशों के अनुसार भारत में चीतों को फिर से बसाया जा रहा है।