मध्य प्रदेश में बारहसिंगा के नहीं निकल रहे 12 सींग, जानिए क्या है इसकी वजह
दुनिया में सिर्फ मध्य प्रदेश में पाया जाने वाला बारहसिंगा को विलुप्तता की कगार पर पहुंचने से पहले बचाने की एक कोशिश की गई थी। कान्हा रिजर्व में तो उन्हें संरक्षित कर लिया गया था लेकिन भोपाल के वन विहार में वही तकनीक फेल हो गई।
भोपाल, हरिचरण यादव। मध्य प्रदेश का राज्य पशु और हिरण की एक दुर्लभ प्रजाति हार्ड ग्राउंड बारहसिंगा को बाड़े में रखकर बचाने और उनकी संख्या बढ़ाने की कोशिश कारगर साबित नहीं हुई। भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क के अंदर नौ हेक्टेयर क्षेत्र में बनाए गए बाड़े में तीन साल में 11 बारहसिंगा की मौत हो गई। कारणों की पड़ताल करने पर पता चला है कि इनके शरीर में पोषक तत्वों, विटामिन और मिनरल्स की कमी हो रही थी। इस वजह से इनके शरीर में विकृतियां आने लगी थीं। बारहसिंगा का मुंह टेढ़ा होने लगा था और पूरे 12 सींग नहीं निकल रहे थे। इस स्थिति को देखते हुए वन्य प्राणी विभाग ने फिलहाल इन्हें खुले में छोड़ दिया है।
दरअसल, बारहसिंगा दुनिया में केवल मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में पाए जाते हैं। कम होती संख्या और महामारी के संकट से इस प्रजाति को बचाने के लिए वन विहार नेशनल पार्क और होशंगाबाद के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की बोरी रेंज में बसाने का निर्णय लिया गया था। वर्ष 2015 में वन विहार नेशनल पार्क में सात बारहसिंगा लाए गए। पार्क के डिप्टी डायरेक्टर अशोक कुमार जैन के मुताबिक वर्ष 2019 में इनकी संख्या बढ़कर 21 तक हो गई थी, लेकिन पिछले तीन साल में 11 की मौत भी हुई।
मौत के कारणों की जांच करने वाले विशेषज्ञों ने पाया कि नौ हेक्टेयर के बाड़े में जब केवल सात बारहसिंगा थे। तब उन्हें भोजन की कमी नहीं हो रही थी। इनकी संख्या बढ़ती गई और भोजन कम पड़ने लगा। समय के साथ इनके बाड़े का विस्तार किया जाना था जो नहीं किया गया। अब इन्हें बाड़े से निकाल दिया गया है। पार्क बड़े तालाब के किनारे बसा हुआ है। यहां प्राकृतिक रूप से बारहसिंगा के भोजन की पर्याप्त उपलब्धता का अनुमान है। ये घास वाले मैदान और दलदली क्षेत्र में रहते हैं। यदि बारहसिंगा सामान्य नहीं रहते, उनकी मौत होती है तो इन्हें फिर से कान्हा नेशनल पार्क में छोड़ दियाजाएगा।
केवल एक हजार बारहसिंगा ही बचे हैं
कान्हा नेशनल पार्क में करीब 910 हार्ड ग्राउंड बारहसिंगा हैं। 80 बारहसिंगा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में हैं और वन विहार में केवल 10 बारहसिंगा बचे हैं। वन्य प्राणी विभाग में उप वन संरक्षक और कान्हा नेशनल पार्क में एसडीओ रहे रजनीश कुमार सिंह बताते हैं कि इस प्रजाति के बारहसिंगा केवल यहां हैं, इसलिए संरक्षण जरूरी है।
पोषक तत्वों की कमी के कारण बारहसिंगा की मौत की बात सामने आने पर इन्हें खुले में छोड़ दिया गया है। निगरानी के बाद आगामी निर्णय लेंगे।- आलोक कुमार, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन, मध्य प्रदेश