Parliament: पिछले छह वर्षों में राजनेताओं के खिलाफ धनशोधन के 132 मामले हुए दर्ज, सरकार ने संसद में दी जानकारी
सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि पिछले छह वर्षों में मौजूदा और पूर्व सांसदों विधायकों विधान पार्षदों राजनेताओं के खिलाफ मनी लांड्रिंग के कुल 132 मामले दर्ज किए गए हैं। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि ईडी द्वारा मनी लांड्रिंग मामलों में दोषसिद्धि दर 93 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा 31 जुलाई तक कुल 7083 ईसीआइआर या इन्फोर्समेंट केस इन्फार्मेशन रिपोर्ट्स दर्ज की गई हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि पिछले छह वर्षों में मौजूदा और पूर्व सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों, राजनेताओं के खिलाफ मनी लांड्रिंग के कुल 132 मामले दर्ज किए गए हैं।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इन मामलों में अदालती सुनवाई कुल तीन मामलों में - एक 2020 में और दो 2023 में पूरी हुई। इन मामलों में 2020 में केवल एक दोषसिद्धि की सूचना मिली थी।
वित्त राज्य मंत्री ने राज्यसभा में लिखित उत्तर के हिस्से के रूप में ईडी द्वारा दर्ज इसीआइआर, विचाराधीन मामलों और दोषसिद्धि से संबंधित आंकड़े साझा किए। वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि ईडी द्वारा मनी लांड्रिंग मामलों में दोषसिद्धि दर 93 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि ईडी द्वारा 31 जुलाई तक कुल 7,083 ईसीआइआर या इन्फोर्समेंट केस इन्फार्मेशन रिपोर्ट्स दर्ज की गई हैं।
उन्होंने कहा, पीएमएलए के तहत दोषसिद्धि दर करीब 93 प्रतिशत है। मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून या पीएमएलए को एक जुलाई 2005 से लागू किया गया था। मंत्री ने यह भी कहा कि कानून के तहत 1.39 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति या तो जब्त की गई, फ्रीज की गई या कुर्क की गई है।
बीसीसीआइ ने किया 2,038 करोड़ रुपये जीएसटी का भुगतान
सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि बीसीसीआइ ने वित्त वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान 2,038.55 करोड़ रुपये जीएसटी का भुगतान किया। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि बीसीसीआइ, जो भारत में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए शीर्ष निकाय है।पंकज चौधरी ने लिखित उत्तर में कहा, इंडियन प्रीमियर लीग जैसे खेल आयोजनों संबंधी सेवाओं पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के दौरान, बीसीसीआइ से सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 2,038.55 करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने आइटी अधिनियम की धारा 11 के तहत बीसीसीआइ को कर छूट से इन्कार कर दिया है। मामला अदालत में है। आइटी अधिनियम की धारा 11 धर्मार्थ संस्थानों से संबंधित है। बीसीसीआइ आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 11 के तहत छूट का दावा कर रहा है।