दसवीं के छात्र ने जस्टिस चेलमेश्वर को लिखा पत्र, ‘पूरा भरोसा है - सदैव रहेगा’
दसवीं के छात्र ने जस्टिस चेलमेश्वर को पत्र लिखकर आभार व्यक्त किया और न्यायप्रणाली में भरोसा जताया।
नई दिल्ली (माला दीक्षित)। सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन व चीफ जस्टिस की कार्यप्रणाली पर सार्वजनिक तौर से उठाए गए सवालों के बाद उन चार जजों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए एक दसवीं के छात्र ने पत्र लिखा है।
वैभव नाम के इस छात्र ने जस्टिस चेलमेश्वर को पत्र भेजा है और न्यायपालिका में अपना भरोसा जताया है। 13 जनवरी को लिखे गए इस पत्र का आरंभ उसने पेन से इमोजी बनाकर किया है।
वैभव ने जस्टिस चेलमेश्वर के नाम अपने पत्र में लिखा है...
आप व समस्त न्यायाधीश हम सबको न्याय दिलाने के लिए जो मेहनत करते हैं जिस लगन से कार्य करते हैं, वह अद्भुत है। मैं नहीं जानता कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक है या नहीं, प्रधान न्यायाधीश सही हैं या नहीं। मैं केवल इतना जानता हूं कि देश आप पर और न्यायालय पर विश्वास करता था, करता है और करता रहेगा। हम सब आप सभी पर पूर्ण भरोसा करते हैं व सदा करते रहेंगे।
धन्यवाद व ढेर सारा प्यार व शुभकामनाएं।
भवदीय वैभव, उम्र 16 वर्ष (स्कूली छात्र कक्षा-10)
बता दें कि यह पूरा मामला 12 जनवरी, गुरुवार का है जब अचानक ही चार सीनियर जजों- जस्टिस जे. चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने प्रेस कांफ्रेंस किया।
मीडिया के सामने सीनियर जजों ने सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन की कार्यप्रणाली पर निराशा जाहिर करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर भी आरोप लगाया। अन्य जजों की अगुवाई में जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि इन मामलों को सामने लाने से पहले वे सीजेआइ के पास अपनी शिकायत लेकर गए थे, पर उन्होंने अनसुना कर दिया और अब बस यही एक विकल्प बचा था।
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