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अब चीन की जरूरत नहीं! कर्नाटक में मिला लिथियम के बड़ा खजाना, छत्तीसगढ़ तक फैला हो सकता है भंडार

कर्नाटक के मांड्या और यादगिर जिलों में 1600 टन लिथियम भंडार मिला है। परमाणु ऊर्जा विभाग की एक इकाई और परमाणु खनिज शोध और अनुसंधान निदेशालय ने भी इन संसाधनों की पहचान भी कर ली है। पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि लिथियम की मौजूदगी सिर्फ कर्नाटक तक ही सीमित नहीं है बल्कि ये छत्तीसगढ़ तक है।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Sat, 27 Jul 2024 12:13 AM (IST)
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कर्नाटक के दो जिलों में 1,600 टन लिथियम भंडार मिला है। फाइल फोटो।

एएनआई, नई दिल्ली। कर्नाटक के दो जिलों में 1,600 टन लिथियम भंडार मिला है, जिसकी जानकारी पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी। जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि कर्नाटक के मांड्या और यादगिर जिलों में लिथियम के भंडार मिले हैं।

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के रियासी में लिथियम का भंडार मिला था। रियासी में सलाल और उसके साथ सटे इलाकों में 50 लाख टन का भंडार है। मालूम हो कि भारत लगभग 70 प्रतिशत लिथियम आयात चीन से करता है और ग्लोबल सप्लाई में चीन की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है।

जितेंद्र सिंह ने क्या कहा?

परमाणु ऊर्जा विभाग की एक इकाई और परमाणु खनिज शोध और अनुसंधान निदेशालय ने भी इन संसाधनों की पहचान कर ली है। एक लिखित उत्तर में पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि यादगिर जिले में किए गए सर्वेक्षण और सीमित भूमिगत खोज से लिथियम होने के संकेत मिले हैं।

छत्तीसगढ़ तक हो सकती है इसकी मौजूदगी

अनुमान जताया गया कि लिथियम की मौजूदगी सिर्फ कर्नाटक तक ही सीमित नहीं है बल्कि ये छत्तीसगढ़ तक है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में भी जांच जारी है। जितेंद्र सिंह के अनुसार, कुछ प्राइवेट कंपनियां अपने कैप्टिव साइट्स में रिएक्टर लगाने में रुचि ले रही हैं। राजस्थान, बिहार और आंध्र प्रदेश में अभ्रक बेल्ट हैं।

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