17 December 1903: आज ही के दिन इंसानी हौसले को मिली थी उड़ान, राइड ब्रदर्स ने कर दिखाया था 'चमत्कार'
World First Fly विल्बर और ऑरविल राइट नाम के दो भाइयों ने 17 दिसंबर 1903 को अपने सपने को हकीकत में पूरा किया था जिसे देखकर दुनिया हैरान थी। महज 12 सेकेंड की पहली उड़ान के लिए दोनों भाइयों ने कई सालों तक कड़ी मेहनत की थी।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Wright Brothers First Fly: 17 दिसंबर का दिन पूरी दुनिया के लिए बेहद खास महत्व रखता है। साल 1903 में इसी दिन राइड ब्रदर्स (Wright Brothers) ने पहली बार वो कारनाम किया था जिसके बाद लोगों को किसी उड़ने वाली चीज के बारे में पता चला था। ये एक तरह का विमान था जिसका नाम 'द फ्लायर' था। 'द फ्लायर' (The Flyers) की सिर्फ 12 सेकेंड की थी और इस दौरान विमान ने 120 फीट की दूरी तय की थी। इसके पीछे मेहनत और लगन थी विल्बर राइट (Wilbur Wright) और ऑरविल राइट (Orville Wright) नाम के दो भाइयों की। इन दोनों भाइयों ने अपने सपने को हकीकत में पूरा किया था, जिसे देखकर दुनिया हैरान थी। महज 12 सेकेंड की पहली उड़ान के लिए दोनों भाइयों ने कई सालों तक कड़ी मेहनत की थी।
नहीं मानी हार
17 दिसंबर 1903 ही वो दिन था जिसके बाद आसमान में विमानों का उड़ना संभव हो पाया था। आज राइट ब्रदर्स के आधार पर बनाए गए विमानों की बदौलत इंसान ना सिर्फ दुनिया के किसी भी कोने में जाने में सक्षम है बल्कि अंतरिक्ष के पार जाने वाले रॉकेट भी इसको ही आधार मानते हुए इजाद किए गए। राइट बंधुओं को जो कामयाबी मिली थी उसके पीछे उनकी कई बार की विफलता और कड़ी मेहनत थी। लगातार नाकामी मिलने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार अपने सपने को पूरा करने में लगे रहे।
कभी कॉलेज नहीं गए राइट ब्रदर्स
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि, दुनिया को विमान के बारे में पहली बार बताने वाले राइट ब्रदर्स कभी कॉलेज तक नहीं गए थे। बावजूद इसके उन्होंने वो कर दिया जिसके बिना आज की मॉडर्न दुनिया के बारे में कल्पना भी नहीं की जा सकती है। दरअसल, दोनों भाइयों को मशीनों से खासा लगाव था। जब ये दोनों भाई छोटे थे तब उनके पिता ने एक खिलौना लाकर उन्हें दिया था, जो काफी कुछ आज के हेलीकॉप्टर जैसा ही था। राइड ब्रदर्स ने अपना विमान उड़ाने से पहले इस खिलौने को हवा में उड़ाने का प्रसास किया था।
साइकिल मैकेनिक के बिना अधूरी है कहानी
राइड ब्रदर्स ने साल 1900 से 1903 के बीच हवा में उड़ सकने वाले कुछ मॉडल्स पर काम किया था। लेकिन, इनमें इन्हें कोई सफलता हासिल नहीं हुई थी। इस काम में उनकी मदद एक साइकिल मैकेनिक ने की। इस मैकेनिक का नाम चार्ली था। चार्ली की मदद ना मिलती तो राइट बंधु शायद ही कभी ऐसा इंजन बना पाते जो उड़ पाता। चार्ली ने जिस इंजन को बनाने में मदद की थी उसका वजन सिर्फ 200 पाउंड था और ये 12 हॉर्स पावर की ताकत देता था। इंजन पर सफलता मिलने के बाद भी राइट बंधुओं ने कई मुश्किलों का सामना कि और अंत में 17 दिसंबर 1903 को पहली उड़ान भरी।
ये भी है दावा
यहां आपको ये भी बता दें कि, दावे इस तरह के भी किए जाते हैं कि दुनिया का सबसे पहला विभान भारत में बना था और उड़ाया भी गया था। ऐसा सुनने के मिलता है कि 1895 में शिवकर बापूजी तलपड़े नाम के शख्स ने मुंबई के चौपाटी पर दुनिया का पहला विमान उड़ाया था, जिसके गवाह हजारों लेग बने ते। इस तरह का दावा भी किया जाता है कि ये विमान जमीन से 1500 फीट की ऊंचाई तक उड़ा था.
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