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'खास परिवार ने सत्ता के लिए कई बार संविधान को कुचला...' आपातकाल की 50वीं बरसी पर अमित शाह और जेपी नड्डा का हमला

जेपी नड्डा ने कहा जिन लोगों ने इमरजेंसी देखी है इस सप्ताह आप उनसे जरूर मिलिए और उनसे जानने की कोशिश कीजिए कि भारत में कैसी परिस्थिति लाकर खड़ी कर दी गई थी। आज का नौजवान कभी कल्पना भी नहीं कर सकता। उस समय जिन लोगों ने प्रजातंत्र की रक्षा के लिए अपनी आहुति दी थी उनके कारण आज प्रजातंत्र मजबूत होकर खड़ा है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Published: Tue, 25 Jun 2024 02:51 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2024 02:51 PM (IST)
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज पूरे देश में 1975 के आपातकाल पर एक अभियान शुरू किया है।

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज पूरे देश में 1975 के आपातकाल पर एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान के मुख्य कार्यक्रम को आज केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने संबोधित किया। उन्होंने कार्यक्रम के संबोधन में कहा, "हम सब जानते हैं कि 25 जून, 1975 को हम यहां पर काला दिवस के रूप में मना रहे हैं।" नड्डा ने कहा कि इमरजेंसी को याद करने का और प्रजातंत्र का गला घोंटने का जो कुत्सित प्रयास हुआ था, उसे जनता के सामने लाने का भाजपा प्रयास कर रही है और सारे देश में इस तरीके का कार्यक्रम कर रही है।

'9 हजार लोगों को उठा लिया गया था'

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि जिन लोगों ने आपातकाल देखा है उनसे मिलें और जानने की कोशिश करें कि उस समय क्या स्थिति थी... उस समय दिए गए बलिदानों की वजह से आज लोकतंत्र मजबूती से खड़ा है... आज 50 साल पूरे हो गए हैं। एक रात में 9 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया था। कोई भी नेता, चाहे वह बड़ा हो या छोटा, उसे नहीं बख्शा गया और उन्हें 19 महीने से अधिक समय तक जेल में रखा गया..."

उन्होंने कहा, "जिन लोगों ने इमरजेंसी देखी है, इस सप्ताह आप उनसे जरूर मिलिए और उनसे जानने की कोशिश कीजिए कि भारत में कैसी परिस्थिति लाकर खड़ी कर दी गई थी। आज का नौजवान कभी कल्पना भी नहीं कर सकता। उस समय, जिन लोगों ने प्रजातंत्र की रक्षा के लिए अपनी आहुति दी थी, उनके कारण आज प्रजातंत्र मजबूत होकर खड़ा है।"

केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "एक रात में 9 हजार लोगों को उठा लिया गया था। देश का कोई प्रमुख नेता नहीं बचा था। मोरारजी देसाई, मोहन धारिया, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी... ऐसी लंबी श्रृंखला है। इन नेताओं को एक दिन या दो दिन नहीं, बल्कि 19 महीनों से ज्यादा जेल में रहना पड़ा था। इन नेताओं का कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने प्रजातंत्र की रक्षा और मजबूती के लिए आवाज उठाई थी।"

जेपी नड्डा ने विपक्ष पर लगाया आरोप

नड्डा ने कहा कि आज तक कभी भी लोकसभा के स्पीकर का चुनाव सशर्त हुआ है? ये (विपक्ष) कह रहे हैं कि डिप्टी स्पीकर तय करो तब हम स्पीकर को समर्थन देंगे। ये वो कह रहे हैं जिन्होंने तेलंगाना में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों अपने बनाए हैं। कनार्टक में इनका ही स्पीकर और इनका ही डिप्टी सपीकर है। पश्चिम बंगाल में भी टीएमसी का ही स्पीकर और डिप्टी स्पीकर है। ये ऐसे लोग हैं, जो दोहरे मापदंड में जीते हैं।

सत्ता में रहने के लिए कांग्रेस ने कई बार संविधान को कुचला

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, "कांग्रेस ने एक खास परिवार को सत्ता में बनाए रखने के लिए कई बार हमारे संविधान की भावना को कुचला। इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान भारत के लोगों पर क्रूर अत्याचार किए। कांग्रेस पार्टी के युवराज भूल गए हैं कि उनकी दादी ने आपातकाल लगाया था।

उन्होंने आगे कहा, "उनके पिता राजीव गांधी ने 23 जुलाई 1985 को इस भयावह घटना पर गर्व करते हुए लोकसभा में कहा था, "आपातकाल में कुछ भी गलत नहीं है।" राजीव गांधी ने यहां तक ​​कहा था, "अगर इस देश का कोई भी प्रधानमंत्री इन परिस्थितियों में आपातकाल को आवश्यक समझता है और आपातकाल लागू नहीं करता है, तो वह इस देश का प्रधानमंत्री बनने के योग्य नहीं है।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "तानाशाही कृत्य पर गर्व करने का उनका यह कृत्य दर्शाता है कि कांग्रेस को परिवार और सत्ता के अलावा कुछ भी प्रिय नहीं है।" उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "देश में लोकतंत्र की हत्या और उस पर बार-बार आघात करने का कांग्रेस का लंबा इतिहास रहा है। साल 1975 में आज के ही दिन कांग्रेस के द्वारा लगाया गया आपातकाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।"

शाह ने कहा, "अहंकार में डूबी, निरंकुश कांग्रेस सरकार ने एक परिवार के सत्ता सुख के लिए 21 महीनों तक देश में सभी प्रकार के नागरिक अधिकार निलंबित कर दिए थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया पर सेंसरशिप लगा दी थी, संविधान में बदलाव किए और न्यायालय तक के हाथ बांध दिए थे। आपातकाल के खिलाफ संसद से सड़क तक आंदोलन करने वाले असंख्य सत्याग्रहियों, समाजसेवियों, श्रमिकों, किसानों, युवाओं व महिलाओं के संघर्ष को नमन करता हूं।"


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