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नवंबर में आयोजित होगी भारत और अमेरिका की 2+2 बैठक, वैश्विक सुरक्षा समेत कई अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

भारत और अमेरिका 9-10 नवंबर के आसपास नई दिल्ली में 2+2 बैठक आयोजित करने वाले हैं। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन राष्ट्रीय राजधानी में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करने वाले हैं। 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद एक राजनयिक शिखर सम्मेलन है जो 2018 में शुरू हुई थी।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Mon, 23 Oct 2023 11:40 AM (IST)
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नवंबर के दूसरे हफ्ते में आयोजित होगी 2+2 बैठक
एएनआई, नई दिल्ली। विश्व के कई हिस्से में फैली अशांति के बीच, भारत और अमेरिका 9-10 नवंबर के आसपास नई दिल्ली में 2+2 बैठक आयोजित करने वाले हैं। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन राष्ट्रीय राजधानी में विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करने वाले हैं।

2018 में हुई थी पहली बैठक

सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान नेताओं के इजरायल-हमास युद्ध के कारण मध्य पूर्व में उभरती स्थिति सहित वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है। 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद एक राजनयिक शिखर सम्मेलन है, जो 2018 में शुरू हुई थी और हर साल शुरू में विदेश मंत्री और भारत के रक्षा मंत्री के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य सचिव और रक्षा सचिव के बीच चर्चा के लिए आयोजित किया जाता है।

वैश्विक खतरे के मुद्दों पर होगी चर्चा

सूत्रों ने कहा कि भारत और अमेरिका अपने रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए ये वार्ताएं कर रही हैं और यह इन वार्ताओं का पांचवां संस्करण होगा। बैठक में यूरोप में चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के साथ-साथ क्षेत्र पर इसके असर पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।

सैन्य स्टेशन का कर सकते हैं दौरा

भारत और चीन के बीच चल रहे सैन्य गतिरोध को चार साल हो गए हैं और यह दोनों पक्षों के बीच चर्चा का हिस्सा बना हुआ है। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन प्रमुख भारतीय सैन्य अड्डे का दौरा कर सकते हैं। अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकियों ने भी भारतीय रक्षा मंत्री को एक महत्वपूर्ण सैन्य स्टेशन पर आमंत्रित किया था।

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सैन्य हार्डवेयर सहयोग पर जोर देने की उम्मीद

अमेरिकी पक्ष द्वारा सैन्य हार्डवेयर सहयोग पर जोर देने की भी उम्मीद है और भारत स्वदेशी हथियार प्रणालियों के विकास के लिए उच्च-स्तरीय प्रौद्योगिकी साझा करने के लिए कह सकता है। भारत और अमेरिका ने हाल ही में भारतीय रक्षा बलों को 31MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन की आपूर्ति के लिए 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे पर सहमति व्यक्त की है।

अमेरिका छह अतिरिक्त P-8I निगरानी विमानों की बिक्री पर भी जोर दे रहा है। अमेरिका भी हाल के दिनों में विभिन्न शो और अभ्यासों में भारतीय रक्षा बलों के लिए B-1 जैसे अपने बमवर्षक विमानों का प्रदर्शन कर रहा है।

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