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UGC: फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हैं 20 संस्थान, केंद्रीय विवि में OBC, SC-ST के 42 फीसदी पद खाली

UGC उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित भारतीय शिक्षा परिषद दिल्ली के अलीपुर में स्थित अखिल भारतीय सार्वजनिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य संस्थान और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित बाइबल ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया को 2021 से 2023 के बीच यूजीसी द्वारा फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल किया गया है। फर्जी विश्वविद्यालयों की जानकारी यूजीसी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Wed, 09 Aug 2023 10:22 PM (IST)
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तीन साल में तीन विश्वविद्यालयों को किया गया फर्जी सूची में शामिल।
नई दिल्ली, एएनआइ। वर्तमान में 20 संस्थान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में हैं। गत तीन वर्ष में तीन संस्थानों को इस सूची में शामिल किया गया है। यह जानकारी शिक्षा मंत्रालय के राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने राज्यसभा के सदस्य कार्तिकेय शर्मा द्वारा उठाए गए सवाल के लिखित जवाब में दी।

यूजीसी से मिली जानकारी के आधार पर मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित भारतीय शिक्षा परिषद, दिल्ली के अलीपुर में स्थित अखिल भारतीय सार्वजनिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य संस्थान (एआइआइपीपीएचएस) और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित बाइबल ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया को 2021 से 2023 के बीच यूजीसी द्वारा फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल किया गया है।

फर्जी विश्वविद्यालयों व संस्थानों पर कार्रवाई

फर्जी विश्वविद्यालयों की जानकारी यूजीसी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार के साथ-साथ यूजीसी निर्दोष छात्रों को इन फर्जी विश्वविद्यालयों व संस्थानों के जाल से बचाने के लिए एहतियाती कदम उठा रही है। समय-समय पर यूपी संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव व शिक्षा सचिवों को उनके क्षेत्र में स्थित फर्जी विश्वविद्यालयों व संस्थानों पर कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखती है। यूजीसी ने कुछ फर्जी विश्वविद्यालयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है और यूजीसी इस प्रकार की स्वघोषित संस्थानों को कारण बताओ व चेतावनी पत्र जारी करती है।

वेतन समानता संबंधी 31 शिकायतें हैं लंबित कनिष्ठ कर्मचारियों के साथ वेतन समानता की मांग से संबंधी कम से कम 31 शिकायतें केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) के पास लंबित हैं। चाइल्ड केयर लीव (सीसीएल) की मंजूरी और विस्तारित कार्यभार ग्रहण अवधि का कोई भी मामला लंबित नहीं है। यह जानकारी राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने दी।

उन्होंने कहा कि गत पांच वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक कनिष्ठ कर्मियों के साथ वेतन समानता की 79 शिकायतें निस्तारित की गईं। 1998 मामलों में सीसीएल को मंजूरी दी गई और प्रशासनिक आवश्यकताओं के आधार पर 244 मामलों में ज्वाइनिंग समय में विस्तार की अनुमति दी गई।

केंद्रीय विवि में 42 फीसदी शिक्षण पद खाली

45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी, एससी व एसटी के आवेदकों के लिए आरक्षित 42 प्रतिशत शिक्षण पद खाली पड़े हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जानकारी साझा करते हुए बताया कि केंद्रीय विवि में 7033 पद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं और इनमें से 3007 पद खाली हैं।

ओबीसी के 46 प्रतिशत पद (1665) और एससी व एसटी के खाली पद क्रमश: 37 और 44 प्रतिशत हैं। 2023 में अब तक तीन श्रेणियों के लिए कुल 517 पद भरे गए हैं।