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2007 Hate Speech: वॉयस सैंपल देने के आदेश के खिलाफ आजम खान ने SC में दायर की याचिका, 23 अगस्त को होगी सुनवाई

सपा नेता आजम खान ने 2007 के हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनकी याचिका पर अब 23 अगस्त को सुनवाई होगी। मामला 2007 में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अपमानजनक भाषण देने का है। इस मामले में कोर्ट ने आजम को आवाज का नमूना देने का आदेश दिया है जिसको उन्होंने शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 22 Aug 2023 02:47 PM (IST)
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2017 Hate Speech: वॉयस सैंपल देने के आदेश के खिलाफ आजम खान की याचिका पर कल सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बुधवार (23 अगस्त) को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) की उस याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है, जिसमें 2007 में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) के खिलाफ कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला भाषण देने और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में आवाज का नमूना देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।

आजम खान के भाषण के साथ मैच करने के लिए आवाज का नमूना मांगा गया था, जो कि 2007 में रामपुर के टांडा इलाके में एक सार्वजनिक बैठक के दौरान बनाई गई एक सीडी में रिकॉर्ड किया गया था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती

न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने आजम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की उस दलील पर गौर किया, जिसमें उन्होंने तत्काल सुनवाई की मांग की थी। आजम ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 25 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है, जिसने उनकी याचिका का निपटारा कर दिया और रामपुर में ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।

टांडा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत

2007 में टांडा पुलिस स्टेशन में एससी/एसटी अधिनियम के तहत आजम के खिलाफ धीरज कुमार शील नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज की थी, जिसमें उन पर नफरत फैलाने वाला भाषण देने और कथित तौर पर बसपा सुप्रीमो और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था।

रामपुर में आजम के खिलाफ मामला दर्ज

रामपुर में भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) और 171-जी (चुनाव के संबंध में गलत बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने आजम के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम भी लागू किया था।